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गुडगाँव

मिथुन, तुला पर ढैया, धनु, मकर, कुम्भ पर साढ़े साती… समाधान के यह करें उपाय

शनि का 30 साल बाद निज राशि में प्रवेश प्राकृतिक, राजनीतिक व सामरिक प्रभाव पड़ेगा

गुडगाँवJan 21, 2020 / 12:43 am

Devkumar Singodiya

गुरुग्राम. न्याय के देवता माने जाने वाले कर्मफलदाता शनि औसत 30 साल में 12 राशियों का भ्रमण करते हुए 24 जनवरी को सुबह 9.48 बजे अपनी राशि मकर में प्रवेश कर रहे हैं। ज्योतिषविदों का मानना है कि इसका दुनियाभर में प्राकृतिक, राजनीतिक, सामरिक एवं आमजनमानस पर प्रभाव पड़ेगा।

शनि का अपनी ही राशि में दाखिल होने से संसार में तकनीकि संचार उद्योग, उत्पादन, आवागमन, मशीनरी, यातायात के क्षेत्र में अपूर्व क्रांतिकारी विकास होगा। ज्योतिषविद् पं. भरत खण्डेलवाल बताते हैं कि राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में देखें तो न्यायपालिका की सुदृढ़ता, रक्षा, विकास, विभिन्न समस्याओं का समाधान होगा।

शनि दो चरणों में मकर राशि में निवास करेंगे। पहले चरण में वह 24 जनवरी, 2020 से लेकर 30 अप्रेल, 2022 तक दो साल तीन महीने और छह दिन तक तथा दूसरे चरण में 9 जुलाई, 2022 से 18 जनवरी, 2023 तक छह महीने नौ दिन तक यानि कुल दो साल नौ महीने 15 दिन तक मकर राशि में ठहरेंगे। मकर राशि में प्रवेश से तुला व मिथुन राशियों पर ढैया, दशा-लुघ कल्याणी, शनि दशा कालांश बनता है तथा धनु, मकर व कुम्भ राशियों पर साढ़े साती वृहदकल्याणी शनि दशा कालांश बनता है।

मंदगामी शनि का प्रभाव किसी व्यक्ति पर पड़ता है तो उसका आलस्य-प्रमाद, अहंकार, उत्थान-पतन, कार्यदक्षता में कमी, ऋणग्रस्तता, भ्रमण, आर्थिक उतार-चढ़ाव से सामना होता है। हालांकि स्वगृही उच्च एवं मित्रगृही शनि का सकारात्मक प्रभाव रहता है।

यह है समाधान के उपाय

तिल, तेल, उड़द, नील-कृष्ण वस्त्र, कम्बल, छाता व पदवेश का दान करें
शनि वंदन स्रोत चालीसा, आरती इत्यादि का पाठ करें
चींटी को दाना, कौए को रोटी, मछली को चना व आटा खिलाएं
अशक्त रोगी, दिव्यांग व वृद्धजन की सेवा करें
भागवत पुराण, सुन्दरकाण्ड पाठ, मृत्युंजय मंत्र, गणपति चालीसा पाठ करें
भैरव, गणेश, देवी, हनुमान, शिव, इष्ट देव आराधना करें
गले में काला धागा, शनि मुद्रिका धारण करें
पीपल, जामुन, वटवृक्ष सींचकर प्रदक्षिणा करें
ढैया साढ़े साती में नियोजन करें, ऋणग्रस्त होना ही
शनि जप, शनि कथा अभिषेक आयोजन करें या उसमें शामिल हों

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