अर्थशास्त्री डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि बजट में सबसे पहले तो सरकार को आमदनी बढ़ाने वाले उपायों पर काम करना होगा। क्योंकि कर्ज लेकर काम करने से प्रदेश का भला नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था जुड़ी हुई है। जब तक गांव और किसान मजबूत नहीं होगा तब तक प्रदेश विकास नहीं कर सकता।
उद्योगों को भी चाहिए राहत
यमुनानगर का प्लाई उद्योग, कैथल, करनाल, पानीपत और कुरूक्षेत्र का राइस उद्योग सरकार से बड़ी राहत की मांग कर रहा है। चावल उद्योग इस वक्त भारी मंदी के दौर से गुजर रहा है, इसी तरह से प्लाइवुड उद्योग में भी बड़ी मंदी है। आल इंडिया प्लाइवुड एसोसिएशन के प्रधान देवेंद्र चावला ने बताया कि उन्हें सबसे बड़ी राहत तो यह चाहिए कि लकड़ी को टैक्स मुक्त किया जाए।
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