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मुख्यमंत्री मनोहर लाल को घोटाले के दस्तावेज सौंपने के बाद बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि हरियाणा की शुगर मिलों में 3300 करोड़ का घाटा दिखाया गया है। यह घाटा नहीं बल्कि घोटाला है। महम कि शुगर मिल में एक वर्ष में 13 करोड का घाटा था जो बढक़र 94 करोड तक पहुंच गया। इसके लिए तत्कालीन मंत्री मनीष ग्रोवर जिम्मेदार हैं। कुंडू ने दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि आहूजा बैरल के नाम से पूर्व मंत्री कि अपनी एक कंपनी है। जिसे लाभ पहुंचाने के लिए 500 से 700 करोड का घोटाला किया गया है। निर्दलीय विधायक ने स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज द्वारा निकाय घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने हजारों करोड़ के निकाय घोटाले की शिकायत अनिल विज को दी थी, जिन्होंने एसआईटी का गठन किया है।
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कुंडू ने आईएएस आनंद मोहन शरण ओर ओपी गोयल पर एसआईटी को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मंत्रियों के साथ मिलकर उक्त अधिकारियों ने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। इसलिए इन्हें एसआईटी से अलग करके अशोक खेमका जैसे अधिकारियों को इसमे शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अब तक इस घोटाले को मीडिया के माध्यम से उठाते रहे हैं। अब वह इस मामले को विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाएंगे।
सीएम ने इंसाफ नहीं किया धरने पर बैठूंगा
महम के विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि उन्होंने यह सारे घोटाले सीएम के संज्ञान में डाल दिये हैं। उन्हें इसके दस्तावेज भी सौंप दिए हैं। सीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बलराज कुंडू ने कहा कि अगर सीएम ने कार्रवाई नहीं कि तो वह उनके घर के आगे टैंट गाडक़र बैठ जाएगें।
अब निशाने पर अफसरशाही
मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रहे कुंडू ने चंडीगढ़ में ऐलान किया कि अगले माह वह हरियाणा सीएमओ के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को मीडिया के माध्यम से बेनकाब करेंगे। उन्होंने कहा कि उक्त आईएएस ही सरकार को चला रहा है, जो विधायकों व मंत्रियों की भी नहीं सुन रहा। उसके विरुद्ध दस्तावेज जुटाए जा रहे है।