10 बोर्ड और निगम है हरियाणा में
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हरियाणा में इस समय कुल 90 बोर्ड व निगम हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिनमें निदेशक, प्रोजेक्ट निदेशक, चेयरमैन तथा डिप्टी चेयरमैन के पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां होती हैं। प्रदेश में सत्ता संभालने वाली सरकारे इन बोर्ड व निगमों के माध्यम से अपने लोगों को एडज़स्ट किया जाता है।
यह परंपरा रही है कि कोई भी सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में बोर्ड व निगमों के चेयरमैनों से इस्तीफे ले लेती है। नई सरकार सत्ता में आते ही बोर्ड व निगमों की नियुक्तियों को भंग कर पुनर्गठन की अधिसूचना जारी करती है और अपने लोगों को नियुक्त करती है। इस बार मनोहर सरकार चुनाव के दौरान किसी भी चेयरमैन अथवा निदेशक से इस्तीफा नहीं लिया गया था।
नए सिरे से की जाएंगी नियुक्तियां
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चुनाव के दौरान भी ज्यादातर चेयरमैन सरकारी गाडिय़ों में ही घूमते रहे। गठबंधन के बाद दोबारा सरकार बनने पर सीएम ने हरियाणा दिवस के अवसर पर बोर्ड व निगमों के सभी चेयरमैनों को अपने आवास पर बुलाकर उनसे इस्तीफे ले लिए थे। बैठक में साफ कर दिया गया था कि मुख्यमंत्री जब चाहेंगे तब इन इस्तीफों पर फैसला लेकर इन्हें लागू कर देंगे और संबंधित बोर्ड अथवा निगम में नए सिरे से नियुक्तियां कर दी जाएंगी।
चेयरमैन को यह मिलती हैं सुविधाएं
–सरकारी आवास अथवा 50 हजार रुपए मासिक किराया
— 75 हजार रुपए मासिक वेतन अथवा भत्ते
–सरकारी गाड़ी मय चालक
–गाड़ी में एक माह में पांच हजार किलोमीटर चलने की छूट
— अपनी गाड़ी से चलते हैं तो 18 रुपए प्रतिकिमी की दर से भुगतान
–कार्यालय में एक निजी सचिव
–आवास तथा कार्यालय में एक दर्जा चार कर्मचारी
–आवास पर एक कुक
–कार्यालय तथा आवास पर फोन सुविधा