उन्होंने कहा कि जिन्हें अदालत ने भारतीय घोषित कर दिया है, उनके बारे में स्क्रीनिंग जरूरी है। देश की संप्रभुता की बात है। कांग्रेस के विधायक कमलाक्ष्य दे पुरकायस्थ्य ने कहा कि भारतीय घोषित लोगों का मामला क्यों स्क्रीनिंग कमेटी में भेजा जाता है। पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी ने कहा कि भारतीय नागरिक परेशान न हो, इसके लिए मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाना जरूरी है। इसलिए इस पर चर्चा की गुंजाइश है।
संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने बात को स्वीकारते हुए कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। पटवारी ने सदन में तथ्य दिया कि विदेशी न्यायाधिकरण में 31 अगस्त 2018 तक 1,03,764 लोगों को विदेशी करार दिया गया है। इनमें से एक पक्षीय फैसले में 57,384 लोगों को विदेशी करार दिया गया है। विदेशी घोषित लोगों में से 32,860 वर्ष 1966-71 में आये हुए हैं। इनमें से 14,652 एफआरआरओ में पंजीकृत हुए हैं।