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गुवाहाटी

असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था, कपिल सिब्बल के असम को म्यांमार का हिस्सा बताने पर बोले सीएम हिमंत

असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने कपिल सिब्बल पर पलटवार करते हुए कहा है कि असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था। अगर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल को इतिहास की जानकारी नहीं है तो उन्हें नहीं बोलना चाहिए।

गुवाहाटीDec 09, 2023 / 04:32 pm

Krishna Das Parth

असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था, कपिल सिब्बल के असम को म्यांमार का हिस्सा बताने पर बोले सीएम हिमंत

असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था, कपिल सिब्बल के असम को म्यांमार का हिस्सा बताने पर बोले सीएम हिमंत

असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने कपिल सिब्बल पर पलटवार करते हुए कहा है कि असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था। अगर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल को इतिहास की जानकारी नहीं है तो उन्हें नहीं बोलना चाहिए।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा था कि ‘पलायन को रोका नहीं जा सकता। अगर आप असम के इतिहास को देखें तो आपको समझ आएगा कि कौन कब आया, इसका पता लगाना असंभव है। असम असल में म्यांमार का हिस्सा था। साल 1824 में जब ब्रिटिश ने लडाई जीती तो संधि के तहत असम पर ब्रिटिश शासन का राज हो गया था।’ कपिल सिब्बल के बयान पर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने पलटवार किया है।
इतिहास की जानकारी नहीं है उन्हें नहीं बोलना चाहिए

पत्रकारों से बात करते हुए असम सीएम ने कहा कि ‘जिन्हें असम के इतिहास की जानकारी नहीं है उन्हें नहीं बोलना चाहिए। असम कभी भी म्यांमार का हिस्सा नहीं था। दोनों के बीच लड़ाईयां हुईं और यही इनके बीच रिश्ता था। इसके अलावा मैंने ऐसा कोई डाटा नहीं देखा, जिसमें बताया गया हो कि असम, म्यांमार का हिस्सा था।’ बता दें कि नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने असम को लेकर उक्त बात कही थी। यह विवाद ऐसे समय सामने आया है, जब मणिपुर में अवैध प्रवासियों का मुद्दा हिंसा का कारण बन रहा है।
मणिपुर में कुकी और मैतई जनजातियों के बीच जारी है जातीय हिंसा

मणिपुर में कुकी और मैतई जनजातियों के बीच जातीय हिंसा चल रही है। कुकी जनजाति को माना जाता है कि वह म्यांमार से पलायन करके मणिपुर आए हैं। कुकी जनजाति मणिपुर में अलग प्रशासन की मांग कर रही हैं। कुकी जनजाति मिजोरम में बहुमत में हैं। मणिपुर में हिंसा के बाद भी बड़ी संख्या में कुकी जनजाति को लोग पलायन करके मिजोरम पहुंचे हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने कहा है कि वह मिजोरम में शरणार्थियों और मणिपुर से विस्थापित कुकी जनजाति के लोगों के मुद्दे पर चर्चा के लिए जल्द ही दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलेंगे।

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