scriptकोरोना व स्वाइन फीवर के बाद असम में मंडराया बाढ़ का खतरा | Flood threat in Assam after Corona and swine fever | Patrika News
गुवाहाटी

कोरोना व स्वाइन फीवर के बाद असम में मंडराया बाढ़ का खतरा

(Assam News ) कोरोना (Corona ) महामारी और स्वाइन फीवर ( Swine fever ) के साथ ही अम्फान तूफान ( Amphan cyclone ) ने असम को (Flood in Assam ) चपेट में ले लिया है। बरपेटा जिले में बेकी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ऐसी स्थिति में भूटान के कुरिशु पनबिजली परियोजना से अतिरिक्त पानी छोड़ दिया है।

गुवाहाटीMay 23, 2020 / 05:10 pm

Yogendra Yogi

कोरोना व स्वाइन फीवर के बाद असम में मंडराया बाढ़ का खतरा

कोरोना व स्वाइन फीवर के बाद असम में मंडराया बाढ़ का खतरा

गुवाहाटी(असम)राजीव कुमार: (Assam News ) कोरोना (Corona ) महामारी और स्वाइन फीवर ( Swine fever ) के साथ ही अम्फान तूफान ( Amphan cyclone ) ने असम को (Flood in Assam ) चपेट में ले लिया है। इस तूफान से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का कहर भी असम में शुरु हो गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते असम की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बरपेटा जिले में बेकी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ऐसी स्थिति में भूटान के कुरिशु पनबिजली परियोजना से अतिरिक्त पानी छोड़ दिया है। शोणितपुर जिले में जिया भराली नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

भूटान ने छोड़ा अतिरिक्त पानी
बरपेटा के कलगाछिया में बाढ़ से छह सौ तीस लोग प्रभावित हुए हैं। अम्फान के प्रभाव से बुधवार को शुरु हुई बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा है। नगांव,दरंग और उत्तर लखीमपुर जिले भी आंशिक रुप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बरपेटा जिले की निवासी जोरिना खातून (50) का कहना है कि हम जब नींद में थे तो बेकी नदी का बढ़ा पानी हमारे घर में घुस गया। हमारे खाने के साथ ही घर का सामान नष्ट हो गया। यदि समय से पहले हमें अलर्ट किया जाता तो हम इन्हें बचा सकते थे। तीन बीघा जमीन में मैंने खेती की थी, वह पूरी पानी में डूब गई है। अब हम क्या करें। मालूम हो कि भूटान से छोड़े गए पानी के चलते बेकी के अलावा मानस, पागलदिया, कालदिया, पोहूमारा नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है।

कई जिले बाढ़ प्रभावित
इसके चलते निचले असम के नलबाड़ी, बाक्सा, चिरांग और बंगाईगांव जिले भी प्रभावित हुए हैं। भूटान ने पानी छोडऩे के पहले बरपेटा जिला प्रशासन को गुरुवार को इसके बारे में जानकारी दी थी। बरपेटा जिले के एक अधिकारी ने कहा कि भूटान ने हमें जितना पानी छोडऩे की बात कही थी उससे कहीं अधिक छोड़ा है। हमने सोचा था कि नदियों का जलस्तर नीचे है तो इतनी दिक्कत नहीं आएगी। उधर नीपको द्वारा रंगानदी पनबिजली परियोजना से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से लखीमपुर और धेमाजी जिले प्रभावित हुए हैं। इससे कई फुट ब्रिज बह गए हंै। नगांव जिले में भी बरापानी पनबिजली परियोजना से अतिरिक्त पानी छोड़ जाने से 11 गांव प्रभावित होने के साथ ही कामपुर के पास लोकनिर्माण विभाग की एक सड़क का एक हिस्सा बह गया है।

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