एफ़सीआई से खाद्यानों की आपूर्ति भी ट्रक के माध्यम से होती हैं। एफ़सीआई से खाद्यानों की उपभोकताओं तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली– पीडीएस के जरीए की जाती हैं। पीडीएस की दुकानों में भी अब खाने-पीने की सामग्री का भंडार समाप्त हो गया हैं। सारी आपूर्ति निजी ट्रक संचालकों के द्वारा की जाती हैं। लॉकडाउन के चलते सड़क परिवहन बंद हो गया हैं। इन दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को खाद्यान आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद नही हैं।
अरुणाचल के शियोमी जिले के मोनीगोंग उपखंड जो भारत-चीन सीमा से लगा क्षेत्र हैं, वहां के स्थानीय निवासी तलिंग यापिक ने बताया कि राज्य की राजधानी इटानगर से मोनीगोंग के बीच 556 किलोमीटर की दूरी हैं। रोड परिवहन में 24 घंटे का समय लगता हैं। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के अलावा सीमावर्ती और दूरस्थ जिलों में गांवों ने भी स्वैच्छिक लॉकडाउन कर लेने से जरूरी चीजों का स्थानीय परिवहन भी बंद हो गया हैं। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति और खराब हो गई हैं। गांवों की दुकानों में खाने-पीने की वस्तुएं समाप्त हो गई हैं। यहा तक लोग चावल के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
एक पीडीएस दुकानदार ने बताया कि हमने फ़रवरी के आखरी सप्ताह में राशन का वितरण किया था, और इस महीने में राशन सामग्री का वितरण नहीं कर सकते हैं। हमारे पास इस महीने का पीडीएस राशन नहीं आया हैं। पीडीएस दुकानों को राशन सामग्री की आपूर्ति निजी ठेकेदारों द्वारा की जाती हैं। ठेकेदार निजी ट्रक संचालकों पर निर्भर हैं। ट्रक संचालन बंद हैं ऐसे में आप अंदाज़ लगा सकते हैं, कि सीमावर्ती और दूरस्थ क्षेत्रों में क्या हालात होंगे ? गांव स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से पहले ही जूझ रहे थे अब खाने-पीने की चीजों की किल्लत ने लोगों की परेशानियां ज्यादा बढ़ा दी है।
अरुणाचल के एक सीमावर्ती क्षेत्र के विधायक और राज्य विधानसभा अध्यक्ष पी डी सोना ने खाने-पीने की चीजों की कमी के बारे में कहा कि मैंने पहले ही जिला उपायुक्त को इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए हैं। अधिकारियों की ओर से खाने-पीने की चीजों की कमी को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया हैं। पूर्वोत्तर राज्यों के सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में सामान्य समय में भी जन-सुविधाओं के लिए हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग किया जाता हैं। अरुणाचल के एक उपायुक्त मितो दिरची ने बताया कि अभी तक हमें सरकार से हेलीकाप्टर सेवा का इस्तेमाल करने के लिए कोई आदेश नहीं मिला हैं।