मिजोरम में कोरोना वायरस (Covid-19) का पहला सकारात्मक मामला 25 मार्च को सामने आने के बाद राज्य में नागरिक-जागरूकता, चेतावनी, सावधानी और सतर्कता की बातें सोशल मीडिया पर जमकर प्रसारित और प्रचारित की जाने लगी। इससे निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का मंत्र मिज़ोरम में सफलता पूर्वक लागू होता नजर आ रहा हैं। मिज़ोरम में लोगों द्वारा सामाजिक-दूरी को बनाए रखने की तस्वीरें सोश्ल मीडिया में छाई हुई हैं।
राजधानी आइज़ोल की गलियों में सोश्ल-डिस्टन्स को बनाए रखने और भीड़ न बने इसके लिए बनाए गए सफ़ेद छोटे-गोलाकार चिन्हों की तस्वीरें सोश्ल मीडिया में देखकर लोग न केवल आश्चर्य कर रहे हैं बल्कि सीख भी रहे हैं। राज्य के गांवों और और छोटे कस्बों में भी इतने ही प्रभावी तरह से इसकी पालना हो रही है।
सोश्ल-साइट के माध्यम से लोग अपनी आवश्यकता की चीजें ऑर्डर करते हैं और नियत समय, स्थान और संख्या में सामाजिक जन संगठनों के स्वयंसेवकों की कार्यदल के सहयोग से स्थायी या अस्थायी दुकान खोलकर वितरण कर दिया जाता हैं। लोगों को राशन या खाने पीने की चीजें न मिली हो या पुलिस बल का इस्तेमाल होने की एक भी घटना नहीं हुई हैं। गांव स्तर की टास्क फोर्स को फंड एकत्रित करने और लोगों के लिए आवश्यकता की चीजों की व्यवस्था करने की ज़िम्मेदारी हैं।
पूरे राज्य में गांव से लेकर राज्य स्तर तक COVID-19 टास्क-फोर्स बनाई गई हैं जो मुख्य सचिव -जिला कमीशनर से लेकर ग्राम-परिषद स्तर पर प्रभावशाली तरीके से काम कर रही हैं। इस टास्क-फोर्स में तीन दस्य अनिवार्य तौर शामिल हैं – एक सरकारी कर्मचारी, एक एनजीओ का और एक चर्च का सदस्य। राज्य में लोग साफ-सफाई, जागरूकता और अनुशासन के आधार पर COVID-19 महामारी को फैलने से रोकने में लगे हुए हैं।