लॉक डाउन में मजदूरी नहीं
त्रिपुरा में कुछ लोग अपना राशन कार्ड गिरवी रखकर परिवार चला रहे हैं। दक्षिण त्रिपुरा जिले के शांतिर बाजार महकमे के अश्विनी त्रिपुरा पाड़ा में इस तरह के मामले सामने आए हैं। लॉकडाउन के चलते मजदूरी करने वाले लोगों को काम नहीं मिल रहा है। उन्हें घर पर बैठना पड़ रहा है। अश्विनी पाड़ा के पांच परिवारों ने अपने राशन कार्ड साहूकार के पास गिरवी रखकर कर्ज लिया है। इनमें रामकुमार त्रिपुरा ने आठ हजार, विद्यामोहन ने पंद्रह हजार, कंचादान ने पंद्रह हजार, मनोरंजन ने बीस हजार रुपए और ब्रजमोहन ने पंद्रह हजार रुपए का कर्ज लिया है।
पेट भरने के लिए ऐसा किया
रामकुमार त्रिपुरा ने कहा कि उसके परिवार को प्रशासन से लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की मदद नहीं मिला। इसलिए अपना राशन काडज़् गिरवी रख कर कुछ रूपए उधार लेने को विवश होना पड़ा। हम सिर्फ राशन की दुकान में बायोमीट्रिक अपना फिंगर प्रिंट देने जाते हैं लेकिन राशन वह व्यक्ति लेता है जिसके पास हमारा कार्ड गिरवी है। यह व्यक्ति बाद में राशन को बाजार में बेच देता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि एक स्थानीय राशन डीलर इस पूरे रैकेट में शामिल है। जब राशन के दुकान से पूछा गया तो उसने इस बात से इनकार किया है। पहली बार यहां ऐसा नहीं हुआ है।
पहले भी रखे गिरवी
त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनोमास डिस्ट्रिक्ट कौंसिल में रहने वाले किसानों ने पहले भी अपनी जरुरत के कर्ज के लिए कार्ड गिरवी रखे हैं। त्रिपुरा में 9.15 लाख राशन काडधारक हैं। राज्य के आठ जिलों की 1810 राशन की दुकानों पर कार्ड का सामान मिलता है। सरकार कार्ड धारकों को चावल, गेहूं,चीनी, मसूर दाल, नमक और चाय देती है। राज्य के खाद्य मंत्री ने सोयाबीन और सरसों का तेल देने का एलान किया था लेकिन अब तक यह शुरु नहीं हुआ है।
साहूकारों को नोटिस
शांतिर बाजार के महकमाधिकारी अघ्यक्ष साहा ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों से कर्ज लिया है। साहा ने कहा कि जब हम उनके घर पहुंचे तो राशन कार्ड उनके पास ही थे। उन्होंने स्वीकारा कि उन लोगों ने कर्ज लिया है। परिवार को मिलने वाले राशन से वे कुछ हिस्सा कर्ज के रुप में साहूकारों को देते हैं। हमने साहूकारों को कारण बताओ नोटिस दिया है। कोरोना के चलते राशन कार्ड धारकों को डबल राशन मिल रहा है। इसमें से वे कुछ हिस्सा साहूकारों को दे रहे हैं।