गोगोई परिवार का दबदबा
इस सीट से अगप के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत के छोटे भाई मणि माधव महंत चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं निवर्तमान सांसद गौरव गोगोई फिर से कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र हैं। 1998 से यह सीट गोगोई परिवार के पास ही रही है। गौरव के पहले इस सीट पर उनके चाचा दीप गोगोई तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं। दीप गोगोई 2002 के उपचुनाव, 2004 और 2009 के चुनाव में इस सीट से जीते थे। वहीं गौरव के पिता पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई 1991 ,1998 और 1999 के चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। 1996 में इस सीट से अगप के केशव महंत विजयी हुए थे जबकि 1985 में इस सीट से अगप के भद्रेश्वर तांती विजयी हुए थे। पर 1967 से 1980 तक इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी हुए थे।1980 में कांग्रेस के विष्णु प्रसाद और 1977, 1971 व 1967 में लगातार तीन बार बेदव्रत बरुवा जीते थे।
भाजपा के कार्यकर्ताओं पर दारमोदार
कलियाबर के राजनीतिक जानकार गोलाप सैकिया ने कहा कि अगप के उम्मीदवार का भविष्य भाजपा के कार्यकर्ताओं पर निर्भर है। क्योंकि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मेहनत कर अगप के वोटों को भाजपा में तब्दील करने में सफलता पायी थी। पर अब लोकसभा चुनाव के लिए इन्हें वापस अगप में तब्दील करने का जिम्मा पूरी तरह भाजपा पर है।
विधानसभा में बराबरी पर
अगप और भाजपा इस बार कांग्रेस से यह सीट छीनने के लिए जोरशोर से प्रयास कर रही है। पर मुश्किल अल्पसंख्यक वोटों को हासिल करने की हैं। इस बार इस सीट से ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(एआईयूडीएफ) ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस सीट पर 17 लाख मतदाताओं में 20 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। कलियाबर के कांग्रेस नेता सोराबउद्दीन ने कहा कि नेशनल पीपुल्स पार्टी(एनपीपी)के अब्दुल अजीज मैदान में हैं पर वे कोई फैक्टर नहीं बनेंगे। मुस्लिम मत विभाजित नहीं होंगे। अगप के उम्मीदवार मणि माधव महंत ने कहा कि हम लोगों तक पहुंच रह रहे हैं। पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर कोई गलतफहमी नहीं होगी। पर महंत के उलट भाजपा के एक स्थानीय नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगप के लिए आसान नहीं होगा। इस संसदीय सीट के अंतर्गत दस विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से चार पर कांग्रेस, दो पर भाजपा, तीन पर अगप और एक पर एआईयूडीएफ का कब्जा है।