शीतल पेय के लिए मारामारी
यह हकीकत है अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले के सेपा इलाके की। इस इलाके में शीतल पेय खरीदने को लेकर अफरा-तफरी मच गई। दरअसल लॉक डॉउन से पहले इस क्षेत्र में भी शराब की खूब खपत थी। बड़ी संख्या में यहां पीने वाले मौजूद थे। लॉक डाउन के बाद इस शहर के पीने वालों लोगों में बड़ी संख्या में लोगों की यह आदत छूट गई। इसका स्थान ले लिया अन्य पेय पदार्थों ने।
ज्यादा दाम पर खरीद रहे हैं लोग
सेपा में शीतल पेय की यह मांग कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी है। इसके लिए लोग लंबी कतारों में खड़े होकर अधिकतम खुदरा मूल्य से पांच गुणा अधिक कीमत देने में भी नहीं हिचक रहे हैं। सिर्फ बच्चे ही नहीं, युवा और बुजुर्ग भी इसके लिए बेकरार हो गए हैं। दो दिन पहले ही जिला प्रशासन को सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा था क्योंकि शीतल पेय के डीलर के सामने लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा था। एक-दूसरे से पहले खरीदने के चक्कर में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना कर दी।
बिक्री पर लगाया प्रतिबंध
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि अभूतपूर्व स्थिति के चलते हमें इनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। जिले के अतिरिक्त जिला उपायुक्त डी सांगनो ने बताया कि ज्यादातर लोगों ने शराब का सेवन छोड़कर शीतल पेय को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। यह लत या विलासिता नहीं है बल्कि एक जरुरत बन गया है।
व्यापारियों की बल्ले-बल्ले
छोटे व्यापारियों के लिए शीतल पेय की भारी बिक्री जीवन निर्वाह का अच्छा साधन बन गई है। जिले के सेपा क्षेत्र में चार-पांच सौ दुकानें हैं। सिर्फ कपड़ों की दुकानों को छोड़कर सभी शीतल पेय बेचने में लग गए हैं। जिस भी दुकान में फ्रीज है, वह शीतल पेय बेचकर अच्छी कमाई कर रहा है। यही नहीं, शीतल पेय बनानेवाली कंपनियां जल्द बंद हो जाएगी, इस अफवाह के बाद लोगों ने शीतल पेय की जमाखोरी शुरु कर दी है। घबराहट में हो रही खरीददारी के चलते लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखे गए। इस हालत से निपटने के लिए जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।
आश्वासन के साथ लोगों का किया तितर-बितर
लोगों को इस आश्वासन के साथ तितर-बितर किया गया कि शीतल पेय से लदी ट्रकें शहर में आ रहे है। जमाखोरी की एक वजह यह भी है कि खेती का सीजन शुरु हो रहा है और लोग इन्हें अपने खेतों में ले जाएंगे।अधिकारी ने बताया कि हमने 22 दुकानों को अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक पर शीतल पेय बेचने के चलते सील किया। इनमें थोक दुकानें भी शामिल हैं। यदि हमने फिर शीतल पेय की बिक्री को खोला तो यह देखना जरुरी होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन न हो।