सात दिन में रिपोर्ट देगी जांच कमेटी
मिली जानकारी के मुताबिक एक नवंबर से नौ नवंबर तक 84 नवजात बच्चों को स्पेशल केयर न्यू बोर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था। इसमें से 20 की मौत शुक्रवार तक हो गई है। पूरे मामले पर अस्पताल के अधीक्षक प्रोफेसर डा.सौरभ बरकटकी ने पूरे मामलों की विस्तार से जांच का आदेश दिया है। जांच से निकले तथ्य के बाद चीजों को ठीक किया जाएगा। अस्पताल के बाल चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पी विश्वनाथ के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय दल पूरे मामलों को देखेगा।जांच दल को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
गुवाहाटी से जांच दल जोरहाट रवाना
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. हिमंत विश्व शर्मा से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उनका जवाब था कि गुवाहाटी से एक टीम जोरहाट जा रही है। इसका नेतृत्व मेडिकल शिक्षा निदेशक कर रहे हैं। इसमें यूनिसेफ के श्रीधर और गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और डिब्रुगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक बाल रोग विशेषज्ञ शामिल है।
बदहाल है अस्पताल
वहीं स्वास्थ्य राज्य मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य में नवजात मृत्यु दर अधिक है। इसे ठीक करने की कोशिश हो रही है। वहीं जोरहाट मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डा.बरकटकी ने कहा कि अस्पताल में ढांचागत सुविधाओं का अभाव है। इसलिए दिक्कतें आ रही हैं। ज्यादा दबाव होने के चलते एक-एक बिस्तर पर दो-दो नवजातकों को रखना पड़ता है। राज्य में पिछले कुछ सालों में धड़ाधड़ सरकारी स्तर पर मेडिकल कालेज खोले गए हैं,जबकि इन्हें चलाने के लिए पर्याप्त शिक्षा फैकल्टी और डाक्टरों का अभाव है। मेडिकल कौंसिल के निरीक्षण के दौरान एक मेडिकल कालेज से दूसरे कालेज में फैकल्टियों को ले जाया जाता है।