14 अप्रैल तक कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए चल रहे 21-दिवसीय लॉकडाउन को समाप्त करने का समय निर्धारित है। राज्य से अब तक कोई कोविद -19 पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। राज्य की एनआईसी विंग ने एक ऑनलाइन सिस्टम डिजाइन किया है जिसमें 21 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग अपने मेडिकल पर्चे अपलोड कर सकते हैं और अपने संबंधित जिले में अधिकृत गोदाम से शराब का ऑर्डर दे सकते हैं। गोदामों को डिलीवरी शुल्क के रूप में 15 किलोमीटर या उससे कम दूरी के लिए अधिकतम 100 रुपए देने होंगे। वहीं 15 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए 200 रुपये चार्ज करने की अनुमति दी गई है। पत्र स्पष्ट करता है कि यह एक अस्थायी प्रावधान है। आबाकारी नियमों के अनुसार बांडेड वेयरहाउस शराब की खुदरा बिक्री नहीं कर सकते हैं। इसलिए जरुरतमंद ग्राहकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रबंध किया गया है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से विचार-विर्मश करने के बाद य़ह आदेश जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर ही इसे लाया गया है।
इस सरकारी आदेश के बाद पंजीकृत डाक्टरों की डिमांड रातोंरात बढ़ गई है।लेकिन नशे की लत के रोगियों की समस्या हल करने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि शराबी व्यक्तियों के लिए भी हम शराब के सेवन को प्रोत्साहित नहीं करते। इससे निकलने के लिए दवा का इस्तेमाल बताते हैं। गैर सरकारी संगठन के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि यह मेरे लिए नई बात है। वहीं एक अन्य युवक ने कहा कि जिसे भी चाहिए उन सभी के लिए डिलेवरी करनी चाहिए। किसी भी जरुरतमंद को आप छोड़ नहीं सकते।
इससे पहले, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इसी तरह का आदेश जारी किया था, जिसमें राज्य के आबकारी विभाग को वैध चिकित्सा कारणों के आधार पर शराब उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। रिपोर्टों के अनुसार, लॉकडाउन के मद्देनज़र राज्य में शराब खरीदने में असमर्थ सात लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।