केजी का छात्र
अयान के पिता जीतू गोहाईं नीपको में उपप्रबंधक हैं। उनका नौकरी के चलते विभिन्न स्थानों पर तबादला होते रहता है। इसलिए अयान अपने नाना के घर लखीमपुर में रहता है। अयान ने जुलाई 2017 में इस पुस्तक को लिखना शुरु किया और इस साल जनवरी में पूरा किया। अयान की मा संगीता ने इंटरनेट के जरिए पुस्तक के लिए प्रकाशक खोजना शुरु किया तो आर्थर प्रेस सामने आया। फिलहाल अयान लखीमपुर के सेंट मेरीज स्कूल में केजी वन का छात्र है।
तीस कहानियां शामिल
हनीकॉम्ब में तीस कहानियों को शामिल किया गया है। इनमें अयान द्वारा अंकित चित्रों को भी समाहित किया गया है। दो साल पहले ही अयान की बुद्दिमता सामने आई थी। वह अपने नाना पूर्णकांत गोगोई को बेस्ट फ्रेंड बताता है। पूर्णकांत गोगोई का कहना है कि रात 12 बजे तक वह गूगल पर विभिन्न विषयों का अध्ययन करता है। उसने जवाब पूछा और उसका संतुष्ट करने लायक जवाब नहीं मिला तो वह शांत नहीं होता है। वह अंग्रेजी में ही बातचीत करता है। उसकी पुस्तक हनीकॉम्ब भी अंग्रेजी में है। तीन साल पहले पासवार्ड न रहते हुए दूसरे के मोबाइल को उसने खोल कर हैरत में डालनेवाला कार्य किया था।
विश्व रिकार्ड में शामिल कराने के प्रयास
उसकी पुस्तक और विश्व रिकार्ड में शामिल करने के प्रयास हो रहे हैं। अयान ने एक साल में चित्रकारी शुरु कर दी थी। अयान कहता है,वह प्रतिदिन अपने चारों और दिखनेवाली चीजों को शब्दों में पिरोता है। यह कुछ भी हो सकता है। नानाजी के साथ बातचीत या कोई ऐसी बात जिसे मैंने अभी सीखा है। नानाजी हर दिन मुझे कुछ नया लिखने और चित्र बनाने की प्रेरणा देते हैं। वह मुझे कहानी सुनानेवाले रॉक स्टार और फुटबाल प्रेमी हैं।
बैडमिंटन और फुटबाल का शौक
अयान के नाना गोगोई का कहना है कि वह अद्भुत बच्चा है। एक बार उसने इंद्रधनुष देखा और उसे कविता में व्यक्त किया। इंद्रधनुष के सात रंगों की तुलना सात सुरों से की। अयान को योग करने,कार्टून देखने, बैंडमिटन और फुटबाल खेलने तथा बागवानी का शौक है।