पुलिस का कहना है चौकीदार साहब सिंह गुर्जर निवासी तुरारी को नाका चन्द्रवदनी से गिरफ्तार किया है। करतूत का भंडाफोड़ होने पर यह शहर छोडक़र भागने की फिराक में था।
बलात्कार का मामला सामने आने पर शनिवार को स्वास्थ विभाग की टीम स्नेहालय पहुंची। डॉ. रीना सक्सैना ने अपनी टीम के साथ २३ लड़कियों का प्रेगनेंसी टेस्ट किया।
पुलिस ने शुक्रवार को डॉ. वीके शर्मा, भावना शर्मा, डॉ. विवेक साहू, रवि बाल्मीकि, गिर्राज बघेल और जयप्रकाश शर्मा को गिरफ्तार किया था। शनिवार को साहब सिंह और प्रभा भी पकड़ी गई। इन आठों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया।
भावना शर्मा मूलत: बल्ला गडेरा डबरा की रहने वाली थी। उसकी शादी चूनागढ़ दतिया निवासी दिनेश के साथ हुई थी। पति बहुत ही सीधा साधा था। इसके बाद वह बर्ष २००८ में केयर टेकर की नौकरी पर शेल्टर होम आ गई। पति भी साथ में आया। लेकिन कुछ दिनों बाद पति को वहां से रवाना कर दिया। संचालक की मां के निधन के बाद भावना उनके घर आकांक्षा में रहने लगी थी। कुछ सालों में वह शेल्टर होम की मालकिन बन गई। जैसा वो कहती वैसा होम में होने लगा। उसकी बात का कोई इनकार करता तो उसे तंग भी करती थी।
बलात्कार का मामला सामने आने पर पुलिस की बाल सहायता प्रकोष्ठ से एसआई डिंपल मौर्य, अनिल शर्मा, एएसआई परवल सिंह परिहार, प्रधान आरक्षक अशोक कुमार अरोरा और आरक्षक अहवरन सिंह शेल्टर होम पहुंचे। पहले काफी देर परिसर का जायजा लेते रहे। फिर करीब आधा घंटे एक कमरे में स्टाफ और बच्चों से बदं कमरे में पूछताछ की। बताया जाता है कि कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां उन्हें मिली है।
गिरफ्तार होने पर संचालक वीके शर्मा पुलिस के सामने अपनी बीमारी का दुखड़ा लेकर बैठ गया। उसका कहना था कि उसे कई बीमारियां हैं। इस कारण पुलिस ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए। उसे रिमांड पर लेना उचित नहीं समझा।
अक्टूबर में पहली बार नारी निकेतन से स्नेहालय में ८ लड़कियां भेजी गई थीं। जिसमें एक अक्टूबर २०१७ में भाग निकलीं। लडक़ी का कहना है कि वह लडक़ी अक्सर रात में गायब हो जाती थी। ढूंढने पर भी कही नहीं मिलती। आधी रात को साहब सिंह उसे लेकर आ जाता है। बोलता उसे परिसर में मिली है। जबकि उस जगह वह पहले ही तलाश चुकी होती थी। उसे शक है कि उस लडक़ी के गायब होने में साहब सिंह का ही हाथ हो।
अमित भदौरिया, टीआइ बिलौआ थाना