दोनों ने खुलासा किया है कि सेंट्रल बैंक के दोनों एटीएम से 28 लाख रुपया उन्होंने ही चुराया था। इसकी प्लानिंग अमनसिंह ने बनाई थी। क्योंकि वह सीएमएस कंपनी का कस्टोडियन था। उसके जिम्मे 19 एटीएम में पैसा जमा करना रहता था। इसलिए अमन के पास एटीएम का पासवर्ड और चाबी रहती थी। उसे पता था कि किस एटीएम में कितना पैसा है। महाराजपुरा और विश्वविद्यालय में सेंट्रल बैंक के इन दोनों एटीएम में अमन सिंह खुद 28 अगस्त को पैसा जमा कर आया था।
दूसरे दिन उसने भाई अभिषेक के साथ जाकर दोनों एटीमए से पैसा चुराया। पुलिस का कहना है कि अमनसिंह को नशे और लक्जरी जिदंगी का शौक है। रईस बनने की लालसा में उसने भाई को भी वारदात में शामिल किया। उसे पता था कि दोनों एटीएम में सीसीटीवी कैमरा लगा है। इसलिए विश्वविद्यालय के एटीएम में वह मेंढक की चाल से घुसा था।
वहां सीसीटीवी में सिर्फ उसकी पीठ और उस पर लदा बैग रिकार्ड हुआ है। यहां से 10 लाख 71 हजार रुपया चोरी करने के बाद अमन बेफ्रिक हो गया। महाराजपुरा के एटीएम पर पहुंचा तब वहां कई लोग पैसा निकालने के लिए आए थे। उन्हें अमन ने कहा कि एटीएम में खराबी है।
उसे सुधारना है। पब्लिक को गुमराह कर उनके सामने उसने एटीएम की कैश ट्रे खोलकर पैसा चुराया। सारा पैसा समेट कर दोनों भाई अंडरग्राउंड हो गए। सीएमएस कंपनी ने मंगलवार को सर्वे किया तो उसमें कैश चोरी पकड़ी गई। सीसीटीवी फुटेज में दिख गया कि अमन सिंह एटीएम से पैसा चुरा रहा है।
बचने के लिए छोड़ी थी रकम
इंट्रोगेशन में अमन सिंह तोमर ने खुलासा किया है कि उसे पता था कि इन दोनों एटीएम में काफी पैसा है। इसलिए उसने दोनों एटीएम टारगेट किए। चोरी का तुरंत पता नहीं चले इसलिए दोनों एटीएम के कैश ट्रे में काफी रकम भी छोड़ी थी।