जिले में सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की संख्या १८२४ है। इन स्कूलों में १६७२ एेसे है जहां अब तक बिजली न होने से पंखे की हवा छात्रों को नसीब नहीं है। एक साल पहले जिला प्रशासन ने एेसे स्कूलों का सर्वे कराया था। इन स्कूलों सोलर प्लांट सिस्टम लगाए जाने की तैयारी की गई थी। राज्य शिक्षा केंद्र ने एेसे स्कूलों के लिए फंडिंग न हीं की। इसक बाद शहर में सोशल वर्करों की तलाश की गई थी। एेसे लोग भी आगे न आने की वजह से अब तक स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं हो सका है। १५ जून से शुरु होने वाले सत्र बिजली न होने और उमस व तपिश होने की वजह से हर बार औपचारिकता में सिमट कर रह जाता है। इस बार फिर से जिला शिक्षा केंद्र द्वारा राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों को बिजली व पानी विहीन स्कूलों की सूची भेजी गई है। वहीं जिले के उन प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में बिजली कनेक्शन है जोकि हाईस्कूल या हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में लगाए जा रहे हैं।
३६ स्कूलों में पंखे है लेकिन बिजली नहीं बीते साल बिजली कनेक्शन होने की आस में जिले के कई प्राइमरी व मिडिल स्कूल के स्टाफ ने स्वयं खर्च पर स्कूलों के कमरों में पंखे लगवा लिए। बिजली न होने की वजह से ये स्कूलों में पंखे हवा में झूल रहे हैं। एेसे स्कूलों की संख्या करीब ३६ है जिनमें आज भी पंखे बिजली आने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें प्राइमरी स्कूलों की संख्या २३ व मिडिल स्कूलों की संख्या १३ है जिनमें पंखे लगे हुए हैं।
फैक्ट फाइल— प्राइमरी स्कूलों की संख्या—-१२७४ मिडिल स्कूलों की संख्या—५५०