script19 अवसर दिए फिर भी नहीं दी गवाही, लगाया 200 रुपए जुर्माना, वह भी देने से किया इनकार, तो 15 दिन की सजा देकर भेजा जेल | 19 not given the opportunity even after the testimony, imposed a fine | Patrika News
ग्वालियर

19 अवसर दिए फिर भी नहीं दी गवाही, लगाया 200 रुपए जुर्माना, वह भी देने से किया इनकार, तो 15 दिन की सजा देकर भेजा जेल

न्यायालय ने उनसे कहा कि वह साक्ष्य देने के लिए शपथ लें और साक्ष्य प्रारंभ करें, इसके लिए वह विटनेस बॉक्स में उपस्थित हों, परंतु आशीष ने साक्ष्य देने से इंकार कर दिया

ग्वालियरAug 10, 2018 / 12:31 am

Rahul rai

vyapam scandal

19 अवसर दिए फिर भी नहीं दी गवाही, लगाया 200 रुपए जुर्माना, वह भी देने से किया इनकार, तो 15 दिन की सजा देकर भेजा जेल

ग्वालियर। व्यापमं महाघोटाले के व्हिसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी को अदालत ने 19 अवसर दिए जाने के बाद भी गवाही नहीं देने पर गुरुवार को दो सौ रुपए के जुर्माने से दंडित किया। उनके द्वारा जुर्माना देने से इनकार करने पर अदालत ने उन्हें 15 दिन की सजा सुनाते हुए केन्द्रीय जेल भेज दिया। एक घंटे बाद जुर्माना अदा किए जाने पर उन्हें रिहा करने के आदेश जारी किए गए, इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
विशेष न्यायाधीश अजयकांत पांडे ने राहुल यादव द्वारा हायर सेकंडरी में पूरक की पात्रता के बावजूद फर्जी तरीके से पीएमटी पास कर जीआर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिए जाने के मामले में आशीष चतुर्वेदी को जमानती वारंट से तलब किया था।
एसआइटी के जांच अधिकारी समीर पाटीदार की गवाही होने के बाद दोपहर 1.15 बजे जब आशीष चतुर्वेदी अदालत में हाजिर नहीं हुए, तब शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक गिरीश शर्मा द्वारा न्यायालय को यह निवेदन किया जा रहा था कि साक्षी आशीष को कई अवसर दिए जा चुके हैं, इसलिए उसके साक्ष्य को समाप्त किया जाए, तभी कोर्ट में आशीष उपस्थित हो गए।
न्यायालय ने उनसे कहा कि वह साक्ष्य देने के लिए शपथ लें और साक्ष्य प्रारंभ करें, इसके लिए वह विटनेस बॉक्स में उपस्थित हों, परंतु आशीष ने साक्ष्य देने से इंकार कर दिया। इस मामले में राहुल यादव की ओर से एडवोकेट संजय शर्मा उपस्थित थे।
पहले मेरे आवेदन का निराकरण करें
आशीष चतुर्वेदी ने न्यायालय में एक आवेदन दिया, जिसमें प्रार्थना की गई कि जांच एजेंसी को निर्देशित किया जाए कि वह इस मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करे। इससे पूर्व आशीष ने एक आवेदन प्रस्तुत कर कहा था कि बिना दस्तावेजों के राहुल यादव को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज की कमेटी के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। आशीष ने कहा कि पहले उसके आवेदन का निराकरण किया जाए, इसके बाद वह गवाही देगा।
साक्ष्य देने से इनकार करना अपराध
न्यायाधीश अजय कांत पांडे ने कहा कि साक्ष्य देने से इंकार किया जाना दंडनीय अपराध है। इस पर उसे दो सौ रुपए का अर्थदंड लगाए जाने का नोटिस दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उस पर जुर्माना लगाया, जुर्माना अदा न करने पर उसे 15 दिन की सजा सुनाई गई।
29 की गवाही पूरी
अदालत ने कहा कि इस मामले में 29 गवाहों की गवाही हो चुकी है, केवल आशीष की गवाही नहीं हो सकी है। जब पुलिस द्वारा अन्य अभियुक्तगण के खिलाफ अभियोग प्रस्तुत किया जाएगा, तब उसके संबंध में विचारण प्रारंभ किया जाएगा। साक्षी द्वारा प्रत्येक स्थिति में गवाही देने से इंकार किया गया है, इसलिए उसे दंडित किया गया।

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