आशीष चतुर्वेदी ने न्यायालय में एक आवेदन दिया, जिसमें प्रार्थना की गई कि जांच एजेंसी को निर्देशित किया जाए कि वह इस मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करे। इससे पूर्व आशीष ने एक आवेदन प्रस्तुत कर कहा था कि बिना दस्तावेजों के राहुल यादव को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज की कमेटी के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। आशीष ने कहा कि पहले उसके आवेदन का निराकरण किया जाए, इसके बाद वह गवाही देगा।
न्यायाधीश अजय कांत पांडे ने कहा कि साक्ष्य देने से इंकार किया जाना दंडनीय अपराध है। इस पर उसे दो सौ रुपए का अर्थदंड लगाए जाने का नोटिस दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उस पर जुर्माना लगाया, जुर्माना अदा न करने पर उसे 15 दिन की सजा सुनाई गई।
अदालत ने कहा कि इस मामले में 29 गवाहों की गवाही हो चुकी है, केवल आशीष की गवाही नहीं हो सकी है। जब पुलिस द्वारा अन्य अभियुक्तगण के खिलाफ अभियोग प्रस्तुत किया जाएगा, तब उसके संबंध में विचारण प्रारंभ किया जाएगा। साक्षी द्वारा प्रत्येक स्थिति में गवाही देने से इंकार किया गया है, इसलिए उसे दंडित किया गया।