आकाश सक्सेना@ग्वालियर
शहर में मानसून के पूर्व सभी नाली और नालों की सफाई करने के दावे नगर निगम की ओर से किए गए, लेकिन हालात यह हैं कि अब तक 192 नालों की सफाई नहीं हो सकी है। इसमें वह नाला भी शामिल है। जिससे दो बार शहर में बाढ़ के हालात बने और हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद अफसर सेकंड बटालियन से सिकंदर कंपू के स्वर्ण रेखा तक जाने वाले नाले की सफाई नहीं करा सके हैं। इतना ही नहीं, शहर के अधिकांश नालों का पानी स्वर्ण रेखा में गिरता है। यह पानी जलालपुर पुलिया के पास से शहर से बाहर जाता है। इस मुहाने पर भी भारी गंदगी जमा हो चुकी है। जानकारों की मानें तो सफाई न होने और बरसात अधिक हो जाने से आसपास के कई क्षेत्र पानी में डूब सकते हैं।
ग्वालियर विधानसभा : 215 कुल नाले, 17 पोक लेन से साफ, 10 जेसीबी से साफ, 94 लेबर से सफाई, 94 साफ होना शेष
लश्कर पूर्व विस : 114 कुल नाले, 13 पोक लेन से साफ, 11 जेसीबी से साफ, 26 लेबर से सफाई, 64 साफ होना शेष
दक्षिण विधानसभा : 130 कुल नाले, 13 पोक लेन से साफ, 09 जेसीबी से साफ, 85 लेबर से सफाई, 23 साफ होना शेष
ग्रामीण विधानसभा : 39 कुल नाले, 09 पोक लेन से साफ, 06 जेसीबी से साफ, 13 लेबर से सफाई, 11 साफ होना शेष
“मेरे वार्ड के मुख्य नाले की सफाई अब तक नहीं हुई है, जिससे मेरा वार्ड तो प्रभावित होगा ही साथ ही 11 नंबर वार्ड के लोगों को भी परेशान होंगे। इस पर अफसरों को तेजी से ध्यान देने की जरूरत है।”
– कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष निगम
“काशी नरेश की गली और कोटेश्वर की पुलिया वाला नाले की सफाई नहीं हुई है। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।”
– संजय सोलंकी, भाजपा पार्षद वार्ड 10
“मेरे वार्ड में 13 नाले हैं, लेकिन एक भी नाले की सफाई अफसरों ने नहीं कराई है। जिससे बरसात के दौरान जल भराव के हालात बन जाएंगे।”
– जगत सिंह कौरव, पार्षद वार्ड 1
“मेरे वार्ड के कई नालों की सफाई अभी तक नहीं हुई है, जिससे बरसात के दौरान कई क्षेत्रों में पानी भर सकता है।”
– चतुर्भुज धनौलिया, उपनेता प्रतिपक्ष ननि