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ग्वालियर

जब देश में यहां फहराए गए थे दो ध्वज, सिंधिया चाहते थे ऐसा हो यहां

25 अगस्त 1947 को फहराया गया था तिरंगा

ग्वालियरJan 26, 2020 / 06:41 pm

monu sahu

jaipur

Republic day

ग्वालियर। आजादी के बाद ग्वालियर सहित अन्य रियासतों के भारत में विलय की औपचारिकता पूरी नहीं होने तथा देश का संविधान सामने नहीं आने के कारण ग्वालियर में आजादी के दस दिन बाद 25 अगस्त 1947 को तिरंगा फहराया गया था। उस समय दो स्वतंत्रता समारोह आयोजित किए गए थे एक किलागेट पर तथा दूसरा आज जहां जीवाजी विश्वविद्यालय है उस स्थान पर।
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पटेल ने सुलझाया था विवाद
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राम विद्रोही की पुस्तक नागर गाथा में इस बात का जिक्र है कि ग्वालियर में आजादी का जश्न नहीं मनाया गया था। विलय की औपचारिकता पूरी नहीं होने के कारण यह स्थिति बनीं थी। आजादी का समारोह को लेकर कांग्रेस नेताओं और महाराजा ग्वालियर जीवाजी राव सिंधिया के बीच मतभेद हो गए थे।
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10 दिन बाद मना
संविधान लागू नहीं होने पर सिंधिया चाहते थे कि स्वतंत्रता समारोह में रियासत का ध्वज फहराया जाए, पर कांग्रेस तैयार नहीं थी। विवाद दस दिन चला सरदार पटेल ने विवाद टालने बीच का रास्ता अपनाया और कांग्रेस तथा ग्वालियर महाराजा को अलग-अलग समारोह करने की अनुमति दे दी। ग्वालियर में दस दिन बाद 25 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के औपचारिक समारोह आयोजित किए गए।

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