लिपोसोमल एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी भारत सीरम एंड वैक्सीन लिमिटेड के रीजनल बिजनेस मैनेजर नीलम कुमार पाटीदार ने बताया कि अभी तक चिकित्सक इस इंजेक्शन को काफी कम लिखा करते थे, इस वजह से इसकी मांग भी नहीं होती थी। ऐसे में पहले इस इंजेक्शन की साल भर में सिर्फ 400 इंजेक्शन की डिमांड होती थी, जो अब हर रोज 500 से 600 इंजेक्शन हो गई है। 50 एमजी के ये इंजेक्शन मरीज को सात दिन या 14 दिन तक बीमारी के हिसाब से लगते हैं।
ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को अधिक प्रभावित करता है जो दूसररी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं और दवाइयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधामत्मक क्षमता प्रभावित होती है। यदि व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में चला जाता है तो उसके साइनस या फेंफड़े प्रभावित होंगे। यह बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबिटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबिटीज वाले व्यक्ति को, स्टेरायड दवाइयां ले रहे व्यक्ति को या आइसीयू में अधिक समय तक भर्ती रहने से हो रही है।