नियम के अनुसार ऐसे बैनर और पोस्टर जिनकी चौड़ाई 3 फीट से अधिक और लंबाई 10 फीट से अधिक है, वह टैक्स की श्रेणी में आते हैं। शहर में ऐसे बैनर, पोस्टर की भरमार है। बिल्डिंगों पर जहां नजर जाती है वहां इस तरह के पोस्टर दिखाई देते हैं। 5 हजार बैनर और पोस्टर से अगर राशि वसूल की जाए तो 3 करोड़ से अधिक हो सकती है, जबकि एक साल में सिर्फ 10 लाख ही वसूल किए गए हैं।
शहर में लगाए जाने वाले बैनर और पोस्टर कई बार हादसों का कारण बनते हैं। इनसे शहर की सुंदरता को भी बट्टा लग रहा है। सडक़ों के बीच डिवाइडरों पर लगाए जाने के कारण कई बार दो पहिया वाहन चालक इनका शिकार हो जाते हैं। इसके बावजूद निगम इन्हें लगाने वालों पर कार्रवाई नहीं करती है।
शहर में होर्डिंग के अलावा जो बैनर और पास्टर लगाए जाते हैं, उनका सर्वे इंदौर की कंपनी से करवाया था। इसमें 5 हजार से अधिक ऐसे बैनर और पोस्टर मिले, जिनसे नियमानुसार राशि वसूल करनी है। 200 लोगों को कंपनी ने नोटिस जारी किए हैं, जिनमें से 10 लाख के आसपास वसूली भी हुई है। बाकी लोगों को भी जल्द नोटिस जारी किए जाएंगे।
केशव सिंह चौहान, नोडल होर्डिंग शाखा