पुलिस अधिकारियों ने तथा मौके पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को संभाला। थाना प्रभारी द्वारा एफआईआर नहीं लिखे जाने पर गत दिवस ही वकीलों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी थी। दोपहर दो बजे के लगभग गिर्राज मंदिर के पास एकत्रित वकीलों ने पहले तो प्रदर्शन किया इसके बाद उन्होंने दो बजे से जाम कर दिया। वकील पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। यहां कई वकील तो सडक पर बैठ गए थे।
करीब आधा घंटके तक यहां जाम करने के बाद अधिवक्ता इंदरगंज चौराहे पर पहुंच गए। यहां सभी वकील मानव श्ऱंखला बनाकर खड़े हो गए थे। इस बीच अभिभाष्ज्ञकों को पुलिस ने समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने फिर एडीशनल एसपी मौके पर पहुंचे और उन्होंने वकीलों को आश्वस्त किया कि तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी और थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के इस आश्वासन केवकीलों का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद भारद्वाज, एमपीएस रघुवंशी, प्रेम सिंह भदौरिया, अशोक खेडकर, दिलीप अवस्थी पंकज पालीवाल आदि ने जाम खुलवाया। इस दौरान एडवोकेट अंकित वशिष्ठ, अभिलाष दांगी, संतोष पाठक, विशाल सैंथिया, संजय कुशवाह, अमित भदौरिया, किशन बोहरे नितिन कुमार शर्मा आदि उपस्थित थे।
पुलिसकर्मी से उलझे एडीशनल एसपी द्वारा थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के दौरान ही कुछ अभिभाषकों का एक पुलिस कर्मी से विवाद हो गया। उनके बीच झूमाझटकी भी हो गई तभी वहां पुलिस अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारियों ने पहुंचकर मामला शांत किया। इसके बाद वकील इंदरगंज थाने पहुंच गए तथा पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।
रिपोर्ट दर्ज कराने मुरार थाने पहुंचे स्कूल बस व एंबुलेंस को जाने दिया अधिवक्ताओं द्वारा इंदरगंज चौराहे पर जिस समय ***** जाम किया जा रहा था वह समय स्कूल वाहनों के लौटने का होता है। इंदरगंज चौराहे पर उसी समय जाम में कुछ स्कूली बसें फंसी हुई थीं। तब वकीलों ने केवल उन स्कूली बसों को ही जाम से निकलकर उन्हें जाने दिया। इसी बीच गिर्राज मंदिर की तरफ से एक एंबुलेंस आ रही थी, एंबुलेंस की आवाज सुनकर तत्काल रास्ता खोला गया और एंबुलेंस को जाने दिया गया। यह था मामला शुक्रवार की रात को एडवोकेट संदीप शर्मा की कार की कुछ लोगों ने तोडफ़ोड कर दी। वे इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने मुरार थाने पहुंचे और उन्होंने नामजद रिपोर्ट लिखने को कहा।
संदीप शर्मा के अनुसार थाना प्रभारी ने रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया और उन्हें धमकी भी दी। इसकी शिकायत उन्होंने अधिवक्ता संघ से की जिस पर वकीलों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया। चुनाव का असर उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के चुनाव के कारण इस समय उच्च न्यायालय के अधिवक्ता भी जिला न्यायालय में दिन में चुनाव प्रचार के लिए आ जाते हैं। वकील का मामला होने के कारण विभिन्न पदों के प्रत्याशी मौके पर पहुंच गए थे। कुछ प्रत्याशी तो नारेबाजी भी कर रहे थे।