भगवान गणेश की पूजा के बाद अयप्पा स्वामी की हुई महाआरती
ग्वालियर. मलयाली समुदाय के मकर विलक्कू पर्व की शुरुआत रविवार को सुबह भगवान गणेश की पूजा के साथ हुई। शाम के समय भगवान अय्यप्पा स्वामी की महाआरती के बाद एक हजार बार नाम जप किया गया। देर रात तक चले भजन कीर्तन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। यह पर्व अलग-अलग अनुष्ठानों की शृंखला के रूप मेंं अब मकर संक्रांति तक जारी रहेगा। केरल वासियों के लिए प्रमुख अनुष्ठान और पर्व के रूप में मान्यता रखने वाले मकर विलक्कू पर्व को सबरीमाला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर की विधियों के अनुसार मनाने की तैयारी की गई थी। इसके लिए धर्मावलंबियों ने शनिवार को ही सीपी कॉलोनी स्थित भगवान के मंदिर में विशेष सजावट का काम पूरा कर लिया गया था। रविवार की शाम यह मंदिर रोशनी से जगमगाता नजर आया। रविवार को सुबह 6 बजे भगवान गणेश की विशेष पूजा के साथ पर्व की शुरुआत हुई। सुबह 8 से शाम 5 बजे तक श्रद्धालुओं ने मंदिर में ही भजन-कीर्तन किया। इसी बीच दोपहर 1 बजे से मंदिर में भंडारे की भी शुरुआत हुई जो शाम की आरती के बाद भी जारी रहा। इसलिए मनाया जाता है पर्व सीपी कॉलोनी स्थित समुदाय के श्री अय्यप्पा सेवाश्रम समाज सचिव महेश पिल्लई के अनुसार यह पर्व भगवान के जन्म प्रसंग से जुड़ा है। इसलिए खुशी के तौर पर दीप जलाए जाते हैं और विशेष पूजा अर्चना कर उत्सव के रूप मेंं मनाया जाता है। इस दिन मकर के नाम से ज्योति प्रज्जवलित की जाती है, मकर एक तारे को कहा जाता है और विलक्कू ज्योति को बोला जाता है।
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