वेतन पुनरीक्षण की मांगों को लेकर बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन
– 31 जनवरी और 1 फरवरी को बंद रहेंगी सरकारी बैंक
वेतन पुनरीक्षण की मांगों को लेकर बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन
ग्वालियर. यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के अंतर्गत सभी नौ यूनियनों द्वारा आव्हान किया गया है कि बैंक कर्मचारी और अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण केन्द्र सरकार और आईबीए के उच्च अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण लंबित है। इसके चलते यूनाईटेड फोरम राष्ट्रव्यापी विभिन्न आंदोलन और हड़ताल करने जा रहा है। बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की नौ यूनियनों ने इसी के चलते सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सिटी सेंटर स्थित आंचलिक कार्यालय पर जंगी प्रदर्शन किया। इस अवसर पर ग्वालियर अंचल के यूएफबीयू के संयोजक अवधेश अग्रवाल की ओर से चेतावनी दी गई कि बैंककर्मियों का वेतन समझौता शीघ्र नहीं किया गया तो ये आंदोलन और क्रमिक हड़ताल और भी उग्र हो जाएगा। इसी कड़ी में 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिवसीय हड़ताल के बाद फिर से 11, 12 और 13 मार्च को तीन दिवसीय हड़ताल का आव्हान किया गया है। यदि आईबीए और केन्द्र सरकार की हठधर्मिता समाप्त नहीं हुई तो 1 अप्रैल से बैंककर्मी 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बैंककर्मियों के प्रदर्शन के दौरान वीरेन्द्र श्रीवास्तव, अजय सिंह जादौन, रहीम खान, हेमंत गोस्वामी, हर्ष अरोरा, अतुल प्रधान, भरत शर्मा, सुनील हर्षे, विवेक फणनीस, अजय देवले, विजय दांते आदि मौजूद थे।
ये हैं बैंककर्मियों की मांग
– 5 दिवसीय बैंकिंग की घोषणा की जाना चाहिए।
– विशेष भत्तों को मूल वेतन में मर्जर की मांग रखी गई है।
– नई पेंशन योजना लागू करने की मांग भी मुख्य रूप से रखी गई है, जिसमें परिवार पेंशन योजना में बदलाव लाना जरूरी है।
– बैंकों के लाभांश में से स्टाफ वेलफेयर के लिए फंड को आवंटित करने का प्रावधान होने की मांग की गई है।
– सभी अधिकारियों के लिए दैनिक सेवा के घंटों का निर्धारण होना चाहिए।
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