मास्टर ऑफ लाइब्रेरी के पद को लेकर सबसे ज्यादा खींचतान मची रही। इस पद की गिनती पूरी होने पर जब मतों का मिलान किया गया तो चार मत कम निकले। इसके बाद चुनाव समिति ने बिना किसी की आपत्ति के फिर से गिनती कराई, जिसमें एक वोट मिल गया, लेकिन वह वोट निकटतम प्रतिद्वंद्वियों में से किसी का नहीं था। समिति ने फिर निर्णय लिया कि एक-एक बंडल की चेकिंग की जाए। इस पर फिर एक-एक वोट चेक कर गिने गए, जब इनमें वोट नहीं मिले तब उपाध्यक्ष और सह सचिव पद के प्रत्याशियों को बुलवाकर उनके सामने उनके वोटों की पेटियां खोलकर एक-एक वोट को चेक किया गया, लेकिन तीन वोट नहीं मिले। इसके बाद समिति ने निर्णय लिया कि चुनाव परिणाम घोषित किया जाए। एक वोट का अंतर होने के कारण समिति ने कई बार वोटों की गिनती कराई। इस बीच प्रेम सिंह भदौरिया भी मतदान कक्ष में पहुंच गए थे, उनका आज फिर समिति के सदस्यों से विवाद हो गया। इसी समय कुछ और लोग भी अंदर आ गए, उन्होंने भी कक्ष में हंगामा किया। चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद नितिन कुमार शर्मा ने अपनी आपत्ति भी प्रस्तुत की।
चुनाव समिति ने तीन परिणाम घोषित करने के बाद उपाध्यक्ष पद की गिनती कराने का फैसला लिया। गिनती शुरू होने के बाद 100 का आंकड़ा पार होने पर जब आपत्तियां आईं, तब समिति ने उसी स्थिति में गिनती बंद कराते हुए रविवार को गिनती कराने का निर्णय लिया। 20 जनवरी को 11 बजे से गिनती कराई जाएगी।
-पवन पाठक-1090
-दिलीप अवस्थी-697
-अरुण शर्मा-428
-केएल गुप्ता-298
-योगेन्द्र सिंह तोमर-202
-आनंद जायसवाल- 23 कोषाध्यक्ष-
-अनुराग शर्मा-1908
अनूप गुप्ता-883 मास्टर ऑफ लाइब्रेरी
जितेन्द्र पवैया-875
नितिन कुमार शर्मा-874
विजय सुंदरम-440
डॉ.जयमाला शर्मा-257
राजेश सिंह राणा-178 तीन मत नहीं मिले
मतगणना के दौरान मास्टर ऑफ लाइब्रेरी पद के तीन वोट कम मिलने पर चार बार मतों की गिनती कराई गई। इसके बाद ही परिणाम घोषित किया गया।
राजेन्द्र शर्मा, मुख्य चुनाव अधिकारी