संकट के समय रक्षा कवच बनती है नारी ग्वालियर. ओजस्विनी विचार मंच ग्वालियर की मासिक ई-परिचर्चा हुई। इसका विषय ‘आपातकाल में पारिवारिक सामाजिक कवच भारतीय नारी’ रखा गया था। मंच की सभी सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे। सभी ने भारतीय नारी के साहस, शौर्य, गुण एवं कौशल का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि नारी ना केवल मानव बल्कि मानवता की जन्मदात्री है। वीर प्रसूता है, जो संकट के समय रक्षा कवच बन जाती है। अतीत से वर्तमान तक परिवार की पर्याय नारी प्रत्येक परिस्थिति में ढाल बनकर प्रथम पंक्ति में खड़ी रहती है। सौम्यता और साहस के बेजोड़ संगम की पहचान नारी अपनी सकारात्मक सोच और सतर्कता से आज की विषम परिस्थिति में भी अपने परिवार को सुरक्षित रखे हुए हैं। कार्यक्रम का संचालन मंदाकिनी शर्मा ने किया एवं आभार डॉ. कल्पना शर्मा ने व्यक्त किया।