scriptसाल भर पहले हो चुका खाद्य और औषधि विभाग की लैब का भूमि पूजन, अभी तक 20 फीसदी भी नहीं हुआ काम | Bhoomi Poojan of Food and Drugs Department lab done a year ago, 20 wo | Patrika News
ग्वालियर

साल भर पहले हो चुका खाद्य और औषधि विभाग की लैब का भूमि पूजन, अभी तक 20 फीसदी भी नहीं हुआ काम

– पहाड़ काटकर सिर्फ पिलर खड़े करने का ही हुआ है अभी तक काम – 4.96 करोड़ की लागत से तैयार होना है लैब, 12 माह में बनकर तैयार होनी थी लैब, अब नवंबर 2021 तक होगी तैयार- लैब के न बनने से खाद्य और औषधि विभाग के नमूनों को जांच के लिए भेजना पड़ता है भोपाल

ग्वालियरNov 06, 2020 / 12:58 am

Narendra Kuiya

साल भर पहले हो चुका खाद्य और औषधि विभाग की लैब का भूमि पूजन, 20 फीसदी भी नहीं हुआ काम

सिरोल रोड की पहाड़ी पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की लैब के लिए काम होते हुए।

ग्वालियर. खाद्य और औषधि विभाग की 41 हजार वर्गफीट में 4 करोड़ 96 लाख की लागत से तैयार होने वाली लैब का भूमि पूजन अक्टूबर 2019 में हो चुका है। लैब बनाए जाने का जिम्मा मप्र हाउसिंग बोर्ड को सौंपा गया था। साल भर बाद भी अभी तक लैब का केवल 20 फीसदी भी काम नहीं हो पाया है। सिरोल रोड पर बनाई जा रही लैब के लिए पहाड़ काटकर पिलर बनाने का काम किया गया है। ग्वालियर के साथ ही इंदौर और जबलपुर में तैयार की जाने वाली लैब का भूमि पूजन भी करीब साल भर पहले हुआ था। लैब तैयार नहीं होने से खाद्य और औषधि विभाग के नमूनों को जांच के लिए भोपाल भेजना पड़ रहा है। हाउसिंग बोर्ड का इस संबंध में कहना है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण काम आगे सरक गया है और अब ये लैब नवंबर 2021 तक ही पूरी हो पाएगी।
फैक्ट फाइल
– 21 अक्टूबर 2019 में हुआ था भूमि पूजन
– 41 हजार वर्गफीट में बनना है लैब
– 4.96 करोड़ है लागत
– अभी तक 50 लाख रुपए का हुआ काम

एक से डेढ़ माह में आती है सैंपलों की रिपोर्ट
भोपाल की फूड सेफ्टी लैब में सैंपल की जांच की कैपेसिटी काफी कम है। यहां साल भर में प्रदेश भर से आने वाले करीब 9 हजार सैंपलों की जांच की जाती है। शहर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल लैब में भेज दिए जाते हैं। नियम के मुताबिक जिन सैंपलों की रिपोर्ट 14 दिन में आना चाहिए वह एक से डेढ़ माह बाद आती है। इतने दिनों बाद रिपोर्ट आने से उसका महत्व भी खत्म हो जाता है।
यह फायदा लैब बनने से
वर्तमान में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की एक प्रयोगशाला है। एक ही जगह तीनों प्रयोगशालाएं शुरू होने से मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच की गति तेज होगी। वहीं विषैले खाद्य पदार्थों, सिंथेटिक खाद्य पदार्थों की जांच, सब्जियों में कलर, हैवी मेटल, पेस्टीसाइड और केमिकल से फलों को पकाने की जांच आधुनिक मशीनों से हो सकेगी। इसी तरह औषधियों के मानक की जांच भी आधुनिक मशीनों से की जा सकेगी। यहां बनने वाली लैब में खाद्य पदार्थों में केमिकल टेस्टिंग के अलावा माइक्रो बायोलॉजिकल परीक्षण और उपकरणीय परीक्षण भी किए जा सकेंगे। लैब में आधुनिकतम उपकरण जैसे डिजिटल पीएच मीटर, एचपीएलसी गैस क्रोमोटोग्राफ आदि उपकरण होंगे।
अगले साल नवंबर तक कंपलीट होगी
लैब का भूमि पूजन 21 अक्टूबर को 2019 को हुआ था। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन से छह माह से अधिक का समय निकल गया। अभी तक 50 लाख रुपए का काम किया जा चुका है। पहाड़ी काटकर पिलर लगाने का काम कर लिया है। वैसे इसे एक साल में बनकर तैयार होना था, पर अब ये नवंबर 2021 तक बन पाएगी।
– राजेंद्र तिवारी, सहायक यंत्री, मप्र हाउसिंग बोर्ड
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