– 21 अक्टूबर 2019 में हुआ था भूमि पूजन
– 41 हजार वर्गफीट में बनना है लैब
– 4.96 करोड़ है लागत
– अभी तक 50 लाख रुपए का हुआ काम एक से डेढ़ माह में आती है सैंपलों की रिपोर्ट
भोपाल की फूड सेफ्टी लैब में सैंपल की जांच की कैपेसिटी काफी कम है। यहां साल भर में प्रदेश भर से आने वाले करीब 9 हजार सैंपलों की जांच की जाती है। शहर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल लैब में भेज दिए जाते हैं। नियम के मुताबिक जिन सैंपलों की रिपोर्ट 14 दिन में आना चाहिए वह एक से डेढ़ माह बाद आती है। इतने दिनों बाद रिपोर्ट आने से उसका महत्व भी खत्म हो जाता है।
वर्तमान में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की एक प्रयोगशाला है। एक ही जगह तीनों प्रयोगशालाएं शुरू होने से मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच की गति तेज होगी। वहीं विषैले खाद्य पदार्थों, सिंथेटिक खाद्य पदार्थों की जांच, सब्जियों में कलर, हैवी मेटल, पेस्टीसाइड और केमिकल से फलों को पकाने की जांच आधुनिक मशीनों से हो सकेगी। इसी तरह औषधियों के मानक की जांच भी आधुनिक मशीनों से की जा सकेगी। यहां बनने वाली लैब में खाद्य पदार्थों में केमिकल टेस्टिंग के अलावा माइक्रो बायोलॉजिकल परीक्षण और उपकरणीय परीक्षण भी किए जा सकेंगे। लैब में आधुनिकतम उपकरण जैसे डिजिटल पीएच मीटर, एचपीएलसी गैस क्रोमोटोग्राफ आदि उपकरण होंगे।
लैब का भूमि पूजन 21 अक्टूबर को 2019 को हुआ था। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन से छह माह से अधिक का समय निकल गया। अभी तक 50 लाख रुपए का काम किया जा चुका है। पहाड़ी काटकर पिलर लगाने का काम कर लिया है। वैसे इसे एक साल में बनकर तैयार होना था, पर अब ये नवंबर 2021 तक बन पाएगी।
– राजेंद्र तिवारी, सहायक यंत्री, मप्र हाउसिंग बोर्ड