जयविलास पैलेसे में दोपहर 12 बजे शुरू हुई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से विकास कार्यों की समीझा बैठक हंगामें के कारण रोकनी पड़ी। इस बैठक में सिंधिया ने निगम आयुक्त, कमश्निर व ग्वालियर एसपी सहित कुछ अन्य अधिकारियों को भी आमंत्रित किया है जिससे स्मार्ट ग्वालियर की हकीकत सामने आए। बैठक में ग्वालियर शहर को स्मार्ट बनाए जाने को लेकर जितने भी कार्य चल रहे हैं उनकी समीझा चल रही थी। तभी बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता महल में पहुंचे और जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया किस हैसियत से यह बैठक ले रहे हैं। वे न तो सांसद हैं, न ही विधायक, न ही शहर की राजनीति में उन्हें कोई पद प्राप्त है तो वे किस आधार पर अधिकारियों को बिठा कर समीझा बैठक ले रहें। वे केंद्र की राजनीति संभाले शहर में हस्तक्षेप न करें।
हंगामें के बाद मीडिया पर रोक
बीजेपी के हंगामा करने के बाद मीटिंग कुछ समय के लिए रोकी गई । मीडिया पर रोक लगाने के बाद मीटिंग को फिर से शुरू किया गया।
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कार्यकर्ताओं से होने है भेंट
सिंधिया की शहर में सांसद का चुनाव हारने के बाद पहली मीटिंग है। जिसमें उन्होंने हर कार्यकर्ता से मिलने के कहा था। बुधवार को हो रही इस मीटिंग कांग्रेस के कई नेता भी पहुंचे हैं।
सिंधिया के स्वागत से पटा शहर
ङ्क्षसधिया के ग्वालियर आगमन को लेकर मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, प्रवीण पाठक व अन्य कांग्रेसी नेताओं के ङ्क्षसधिया के स्वागत होर्डिंग से पूरा शहर पटा रखा है।
हार गए थे चुनाव
आपको बतां दे 2019 में सांसद के चुनावों में अपने ही समर्थक से ङ्क्षसधिया चुनाव हार गए थे। के पी यादव जो कि ङ्क्षसधिया के खासे माने जाते थे। उन्हें बीजेपी ने टिकट देकर ङ्क्षसधिया के खिलाफ लड़ाया। जनता ने भी सिंधिया से दूरी बनाते हुए केपी यादव को अपना सांसद चुना। बताया गया कि सिंधिया चाहते थे कि केपी यादव उनके खिलाफ चुनाव लड़े। जिससे उनकी जीत पक्की हो जाए। लेकिन हुआ इसका उल्टा कि ङ्क्षसधिया को केपी ने लाखों वोटो से हराया।