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ग्वालियर

दलदल में फंसने से इकलौते बेटे की मौत, स्कूल के पास हुआ हादसा, परिवार में मातम

क्रिकेट खेल रहा छात्र गेंद उठाने के लिए गड्ढे में कूदा

ग्वालियरJul 29, 2019 / 01:00 pm

Gaurav Sen

boy death in pond in gwalior

दलदल में फंसने से इकलौते बेटे की मौत, स्कूल के पास हुआ हादसा, परिवार में मातम

ग्वालियर. संडे की छुट्टी में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा सातवीं कक्षा का छात्र बरसाती पानी, दलदल से भरे गड्ढे में डूब गया। जब तक उसे बाहर निकालने की कोशिश होती उसकी सांस लगभग टूट गई, अर्धबेहोशी की हालत में उसे निजी अस्पताल लाया गया वहां चिकित्सकों ने उसे मृत बता दिया। इकलौते बेटे की मौत से उसका परिवार टूट गया। घटना रविवार सुबह बरेठा में गालव शिशु मंदिर आवासीय विद्यालय के छात्र के साथ हुई। हादसे को लेकर स्कूल प्रबंधन पर उंगली उठ रही है कि सबको पता था कि स्कूल के पास गहरा गड्ढा है फिर भी बच्चों को उसके पास खेलने से रोका क्यों नहीं गया।

अहिरामपुर, मालनपुर निवासी कमलेश कुशवाह का बेटा सचिन (13) बरेठा मालनपुर में गालव शिशु मंदिर आवसीय विद्यालय के हॉस्टल में रहता और इसी स्कूल की कक्षा 7 वीं में पढ़ता था। रविवार को छुट्टी थी तो सहपाठियों के साथ स्कूल परिसर से सटे पंचायत मैदान में क्रिकेट खेलने आया था। सुबह करीब 8 बजे बच्चे मस्ती में खेल रहे थे। तब गेंद मैदान के पास गहरे गड्ढे में चली गई। सचिन गड्ढे से गेंद बाहर निकालने के लिए उसमें उतर गया। गडढे में बरसाती पानी भरा था और दलदल थी।

सचिन को खतरे का आभास नहीं था, पानी उतरने के बाद सचिन दलदल में धंस गया। जान बचाने के लिए उसने शोर मचाया तो आवाज सुनकर सहपाठी गड्ढे पर पहुंचे। सचिन को बचाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किए, कुछ समझ में नहीं आया तो एक छात्र दौडकऱ स्कूल पहुंचा गार्ड पूरन को बुलाकर लाया। स्कूल संचालक रणवीर सिंह यादव का कहना है सचिन को बचाने के लिए पूरन गड्ढे में कूद गया। लेकिन उसे बाहर नहीं निकाल सका। कुछ छात्र उन्हें बुलाने आए। घटना सुनकर वह भी गड्ढे पर पहुंचे।

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लेजम फेंककर सचिन को उसके सहारे से बाहर खींचा। उस समय तक सचिन की सांस चल रही थीं, उसे गोला का मंदिर पर निजी अस्पताल में लाए, वहां चिकित्सकों ने चेकअप कर उसे मृत बता दिया। फिर सचिन को जेएएच आए तो यहां भी चिकित्सकों ने वही जवाब दिया। महाराजपुरा इंचार्ज थाना प्रभारी डीएस कुशवाह ने बताया सचिन की मौत पर मर्ग कायम किया है। उसका शव परीक्षण करवा कर मामले की जांच की जाएगी।

इकलौता बेटा, पिता की हालत खराब

सचिन की मौत से उसका परिवार टूट गया है। एक्सीडेंट में पिता कमलेश की रीढ़ की हड्डी में चोट है, इसलिए उनका चलना फिरना भी मुश्किल है। मां क्रांति मजदूरी कर घर की गुजर बसर करती है। माता-पिता चाहते थे कि सचिन पढ़ लिखकर परिवार को चलाने लायक बन सके। इस उम्मीद में उसकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। दो साल पहले परिजन सचिन को इस स्कूल से बेदखल कर घर ले गए थे, लेकिन पिछली साल फिर उसका यहां दाखिला कराया था।

मां और बहन की हालत खराब
बेटे की मौत का पता चलने पर क्रांति अपनी बेटी सहित जेएएच पहुंच गई। पिता झांसी में थे उन्हें रिश्तेदार लेकर ग्वालियर आ रहे हैं। सचिन की मौत से क्रांति की हालत खराब है। डेड हाउस पर क्रांति बार बार बेहोश हो रही थीं।

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