ग्वालियर आते ही ट्रेन के एस- ७ और एस-९ के साथ अन्य बोगियों में भर्ती में जा रहे युवकों ने बोगी के गेट बंद कर लिए। जैसे-तैसे बोगी में रिजर्वेशन वाले यात्री सीट तक पहुंचे तो वहां सीटों पर युवक डटे हुए थे। हरकत में आए आरपीएफ ने युवकों को बोगी से खदेड़ दिया और पूरी बोगी खाली करा दी। उसके बाद रिजर्वेशन वाले यात्री सीटों पर बैठ सके।
माता-पिता को सीट कैसे मिलेगी
ट्रेन की एस-7 बोगी में ऊषा और गिरधर ठाकुर को रतलाम जाना था। उनकी सीट पर युवकों का कब्जा था। माता-पिता को छोडऩे आए उनके पुत्र ने आरपीएफ से गुहार लगाई। इसके बाद आरपीएफ के एसआई प्रभात चौधरी ने बुजुर्गों को सीट दिलवाई।
सोनी से ग्वालियर तक सात बार चेन पुलिंग
सोनी से ग्वालियर स्टेशन के बीच इस ट्रेन में सात बार चेन पुलिंग की गई। इसके बाद ग्वालियर स्टेशन पर खड़े युवकों ने भी चेन पुलिंग करने का प्रयास किया, लेकिन आरपीएफ और जीआरपी के चलते यह चेन पुलिंग नहीं कर पाए।
रतलाम के खिलाड़ी मुश्किल से चढ़ सके
कृषि महाविद्यालय में चल रही खेलकूद प्रतियोगिता में रतलाम की टीम का रिजर्वेशन एस- 5 और एस- 7 के साथ अन्य बोगियों में था। इस टीम में शामिल होने के लिए महिला पुरुष आए हुए थे। वह भी जवानों की मदद से बोगी में जा सके।
भिंड कोटा में भी भीड़: बुधवार रात भिंड से कोटा पैसेंजर में भी युवकों की खासी भीड़ थी। इसे देखते हुए आरपीएफ और जीआरपी ने युवकों को चढऩे से रोका।
दिलाया कब्जा : महिला और विकलांग कोच में कब्जे की शिकायत की तो आरपीएफ ने दोनों ही बोगियों को खाली कराकर कब्जा दिलवाया।