फेल छात्र को पास की मार्कशीट बनाकर दी, तब खुला फर्जीवाड़ा
बीएससी चतुर्थ वर्ष के छात्र को फेल होने के बाद टेबुलेशन चार्ट में हेराफेरी करके पास की मार्कशीट बनाकर दे दी गई। इससे फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। कार्यपरिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने कुलपति को इसकी शिकायत की। इसके बाद जांच कराई गई, जिसमें रिकॉर्ड में हेराफेरी सामने आई। मालूम चला कि जून 2019 की परीक्षा के उन छात्रों को पास की मार्कशीट बनाकर दी गईं जो फेल हो गए थे।
मंसूरी को बनाया परीक्षा नियंत्रक
परीक्षा नियंत्रक पद से प्रो. तैलंग को हटाने के बाद यहां की जिम्मेदारी आइके मंसूरी को सौंपी गई है। प्रो. तैलंग को फार्मेसी विभाग में भेज दिए गए हैं। बता दें कि तीन प्रोफेसरों की जांच कमेटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी। इसी आधार पर कार्रवाई हुई है।
अब तक 5 निलंबित
फर्जी मार्कशीट मामले में पहले कार्यालय अधीक्षक विनोद जाटव, एलडीसी जरदान सिंह और सुरज भटेजा को निलंबित किया जा चुका है। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया था। सोमवार को दो और कर्मचारी निलंबित किए गए हैं।
इनका कहना है
छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया है, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। इसके लिए कुलपति दोषी हैं। हम सख्त कार्रवाई के लिए राज्यपाल व सीएम से मुलाकात करेंगे।
अनूप अग्रवाल, कार्रपरिषद जेयू
डॉ. मनेंद्र सिंह सोलंकी, कार्यपरिषद जेयू