नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस बनवाने के लिए व्यापारियों से कहा है। सभी को यह निर्देश दिए गए हैं कि नगर निगम सीमा में व्यवसाय करने वाले सभी व्यवसाई निगम को जानकारियां दें। हर साल 300 रुपए से लेकर 17 हजार रुपए तक शुल्क जमा कराना पड़ेगा और हर साल रिन्यू कराएं। व्यवसाइयों का कहना है कि जब नगर निगम तक शॉप रजिस्ट्रेशन के जरिए व्यवसाय की सारी जानकारी पहुंच गई हैं और अब यह जानकारी श्रम विभाग के पास भी रहती है तो फिर ट्रेड लाइसेंस का नया शिगूफा क्यों छोड़ा गया है। व्यवसाईयों ने यह भी बताया कि जब प्रदेश सरकार ने एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं तो नगर निगम क्यों इस तरह के आदेश जारी कर रही है। व्यापारी पहले से रजिस्ट्रेशन के अलावा नापतोल, जीएसटी, सेलटैक्स, इनकमटैक्स आदि में जानकारी देते हैं तो फिर नगर निगम के अधिकारी जानबूझकर क्यों इस तरह की कार्यवाही कर रहे हैं।
यह थे मौजूद
प्रतिनिधि मण्डल में चेम्बर के अध्यक्ष विजय गोयल, उपाध्यक्ष पारस जैन, मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव ब्रजेश गोयल, कोषाध्यक्ष वसंत अग्रवाल सहित कार्यकारिणी सदस्य निर्मल कुमार जैन, संजीव कुमार अग्रवाल, नरेन्द्र गुप्ता, राजेश बांदिल (मनीष), दीपक श्रीचन्द जैसवानी, जवाहर जैन, मुकुंद माहेश्वरी, महेश कुमार जैन, गोपालदास गुप्ता, अजय कुमार जाजू एवं किशोर कुमार कुकरेजा तथा पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव जगदीश मित्तल सहित चन्द्रमोहन नागौरी, अरुण गुप्ता, राजेन्द्र कुमार जैन, महेन्द्र साहू, संजय कुमार जैन, संजय क_ल, अभिषेक चतुवेर्दी आदि उपस्थित थे ।