रिपोर्ट में कहा गया कि नूमना जांच में किए गए यूएलबी की रिपोर्ट में मार्च-2020 तक ग्वालियर नगर निगम में 2,199 बोरवेल से बिना किसी गुणवत्ता परीक्षण के अपने अधिकार क्षेत्र में जल की आपूर्ति की गई थी। निगम के 57 नमूनों में से 16 नूमने ऐसे थे जिनमें या तो टर्बिडिटी या कोलीफॉर्म या टर्बिडिटी और कॉलीफॉर्म दोनों आईएस 10500:2012 के अनुसार नहीं थे।
गंदे पानी की सप्लाई पर नगर निगम ग्वालियर ने कहा था कि विशिष्ट बोरवेल जल को एक विशेष गली में आपूर्ति नहीं की जा रही थी। बोरवेल के पानी के साथ ओवर हैंड टैंक के जल की आपूर्ति इसी पाइप लाइन से वार्डों में की जाती थी और मिश्रित जल निर्धारित गुणवत्ता पैरामीटर से मेल खाता है। रिपोर्ट में कहा गया, बोरवेल पानी के परिणाम खराब थे, उसमें मैलापन और कॉलीफॉर्म मापदंड से ज्यादा था और ओवर हैड टैंक के साथ मिलाकर इसकी सप्लाई की जा रही थी, तो फिर से कैसे शुद्ध हो सकता है।
नगर निगम ग्वालियर ने 2018-21 तक सभी मापदंडों का परीक्षण नहीं किया था, क्योंकि प्रयोगशाला में उन मापदंडों की जांच करने की सुविधा विकसित नहीं की गई थी। इन वर्षों में नगर निगम ने भौतिक 2721, रासानिक 2132, जीवाणुकारक 656 और जैविक 2791 नूमने कुल 8373 नमूने शहर के विभिन्न स्थानों से एकत्र किए थे। जिसमें भौतिक 56, रासानियक 8, जीवाणुकारक विश्लेषण 158 नमूने की प्रतिकूल पाए गए।