सीएमई में सोसायटी की अध्यक्ष डॉ.यशोधरा गौर ने कहा कि पालीसिस्टीक ओवरी सिंड्रोम खाने-पीने की बुरी आदतों, आरामदायक जीवन शैली आदि को ठीक करना बहुत जरूरी है। ये बीमारी किशोरावस्था से ही शुरू हो जाती है। इसमें हेयर ग्रोथ भी एबनॉर्मल होती है। अल्ट्रासाउंड और खून की जांच के बाद बीमारी का पता चलता है। आगे चलकर दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर, बांझपन शुगर की बीमारी, मोटापा आदि हो सकते हैं। महिलाओं में बांझपन व ओव्यूलेशन डिसार्डर में उपयोग होने वाली दवाइयों के बारे में भी सीएमई में विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम में लखनऊ के जीएमसी से आए डॉ.कविता बंसल और डॉ.प्रीति कुमार ने भी व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.सोनाली अग्रवाल ने और आभार प्रदर्शन डॉ.प्रीति संजीव गुप्ता ने किया।
क्विज का हुआ आयोजन कार्यक्रम में डॉ.प्रबुद्ध मित्तल और डॉ.चारू ने यंग गर्ल्स में होने वाली बीमारी पालीसिस्टीक ओवरी पर क्विज का आयोजन भी किया। इस क्विज का उद्धेश्य अधिक सेे अधिक स्त्री रोग विशेषज्ञ को विषय की गहनता से जानकारी देना व विषय पारंगत बनाना था।
ये रहे उपस्थित गोग्स की सीएमई में ग्वालियर संभाग के डॉ.एसबीएल श्रीवास्तव, डॉ.वीना अग्रवाल, डॉ.मीना मूंदड़ा, डॉ.रत्ना कौल, डॉ.सोनल कुलश्रेष्ठ, डॉ.वीरा लोहिया, डॉ.विभा कुरेले आदि मौजूद थे।