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ग्वालियर

दावा किया था 300 टन कचरे का रोज करेंगे निपटान, आधा भी नहीं कर पा रहे

शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद लैंडफिल साइट पर कचरे की प्रोसेसिंग बढऩे के बजाय कम हो रही है। प्रतिदिन सिर्फ 120 से 150 टन कचरा ही प्रोसेस हो रहा है और इससे खाद बनाई जा रही है, जबकि नगर निगम एवं ईको ग्रीन कंपनी द्वारा पहले इसे बढ़ाकर

ग्वालियरJul 19, 2019 / 07:04 pm

रिज़वान खान

landfill site gwalior

दावा किया था 300 टन कचरे का रोज करेंगे निपटान, आधा भी नहीं कर पा रहे

ग्वालियर. शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद लैंडफिल साइट पर कचरे की प्रोसेसिंग बढऩे के बजाय कम हो रही है। प्रतिदिन सिर्फ 120 से 150 टन कचरा ही प्रोसेस हो रहा है और इससे खाद बनाई जा रही है, जबकि नगर निगम एवं ईको ग्रीन कंपनी द्वारा पहले इसे बढ़ाकर 300 टन कचरे से खाद बनाने की बात कही जा रही थी। कचरे की प्रोसेसिंग में आई कमी का खामियाजा स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में उठाना पड़ेगा।
शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन एवं कचरे की प्रोसेसिंग का ठेका ईको ग्रीन कंपनी पर है। कंपनी द्वारा शहर से करीब 300 टन कचरा उठाने और फिर इसकी प्रोसेसिंग करने की बात कही जा रही थी, लेकिन आधा कचरा भी प्रोसेस नहीं हो रहा है। जिसके कारण लैंडफिल साइट पर कचरे का ढेर लगा है। वहीं ईको ग्रीन कंपनी सभी वार्डों से कचरा परिवहन भी नहीं कर पा रही है, अब उसे निगम ने 40 वार्डों में ही कचरा परिवहन के लिए कहा है। ऐसे में बाकी वार्डों में नगर निगम को कचरा परिवहन करना होगा।

स्वच्छता की रैंकिंग पर पड़ेगा असर
स्वच्छ भारत मिशन के तहत आने वाली टीम लैंडफिल साइट का निरीक्षण करेगी और अगर शहर से उठने वाला पूरा कचरा प्रोसेस नहीं किया जा रहा होगा तो इसके अंक नहीं मिलेंगे। इसका असर स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग पर पड़ेगा। इसके बावजूद जिम्मेदारी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सूखा-गीला कचरा साथ
शहर में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डालने के बजाय अभी भी लोग एक साथ ही डाल रहे हैं। नगर निगम अधिकारी 70 प्रतिशत कचरा अलग-अलग डालने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है। कचरा वाहन चालक भी लोगों को इसके लिए प्रेरित नहीं कर रहे हैं। सूखा और गीला कचरा मिक्स होने के कारण लैंडफिल साइट पर इसे अलग करने में परेशानी आती है। जबकि अगर-अलग अलग होगा तो गीले कचरे से सीधे खाद बना दी जाएगी।

वर्कर्स की कमी है
वर्तमान में एक शिफ्ट चल रही है, जिसमें 120 से 150 टन कचरा ही प्रोसेस हो रहा है। हमारे पास वर्कर्स की कमी है, हमने कुछ ट्रेंड लोगों को दिल्ली से बुलाया है, जैसे ही वह आएंगे हम प्लांट की दूसरी शिफ्ट भी शुरू कर देंगे।
आशीष शर्मा, प्रोजेक्ट हेड ईको ग्रीन

जो समस्या आ रही है उसको सुलझाया जाएगा
इसकी जानकारी मिली है, अगले सप्ताह भोपाल में इसको लेकर चर्चा की जाएगी। जो समस्या आ रही है उसे सुलझाया जाएगा जिससे व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
संदीप माकिन, कमिश्नर नगर निगम

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