शहर में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग डालने के बजाय अभी भी लोग एक साथ ही डाल रहे हैं। नगर निगम अधिकारी 70 प्रतिशत कचरा अलग-अलग डालने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है। कचरा वाहन चालक भी लोगों को इसके लिए प्रेरित नहीं कर रहे हैं। सूखा और गीला कचरा मिक्स होने के कारण लैंडफिल साइट पर इसे अलग करने में परेशानी आती है। जबकि अगर-अलग अलग होगा तो गीले कचरे से सीधे खाद बना दी जाएगी।
वर्कर्स की कमी है
वर्तमान में एक शिफ्ट चल रही है, जिसमें 120 से 150 टन कचरा ही प्रोसेस हो रहा है। हमारे पास वर्कर्स की कमी है, हमने कुछ ट्रेंड लोगों को दिल्ली से बुलाया है, जैसे ही वह आएंगे हम प्लांट की दूसरी शिफ्ट भी शुरू कर देंगे।
आशीष शर्मा, प्रोजेक्ट हेड ईको ग्रीन
जो समस्या आ रही है उसको सुलझाया जाएगा
इसकी जानकारी मिली है, अगले सप्ताह भोपाल में इसको लेकर चर्चा की जाएगी। जो समस्या आ रही है उसे सुलझाया जाएगा जिससे व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
संदीप माकिन, कमिश्नर नगर निगम