वन अमले ने एसएएफ के जवानों के साथ मिलकर शुक्रवार की सुबह रेत से लदे उन वाहनों को पकडऩे का प्लान बनाया जो वन चौकी पर कार्रवाई से बचने के लिए घरौना मंदिर के सामने वाली रोड पर मुड़कर एक फैक्ट्री का चक्कर काटकर हाईंवे पर आ जाते हैं। वन विभाग की टीम ने सुबह तकरीबन साढ़े ६ बजे फैक्ट्री के बगल में रेत से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को घेरने का प्रयास किया।
जब रेत माफिया वाहनों को भगाने का प्रयास करने लगा तो वन विभाग की टीम तथा एसएएफ के जवानों को लाठियां चलानी पड़ीं। रेत माफिया को लगा कि सरकारी अमला भारी पड़ रहा है तो उसने पथराव शुरू कर दिया। पत्थरों से बचने के लिए सरकारी अमला कुछ पीछे हटा तो मौका पाकर रेत माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भगाकर ले गया।एन वक्त पर रेत माफिया ने कुछ इस तरह पथराव किया कि वन अमला एक भी ट्रैक्टर-ट्रॉली को नहीं पकड़ सका।
डेढ़ घंटे बाद पहुंची पुलिस
जिस वक्त रेत माफिया से झड़प शुरू हुई, उसके कुछ ही देर बाद वन विभाग की तरफ से पुलिस को इस आशय की सूचना दे दी गई। लेकिन पुलिस की टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानियां के नेतृत्व में डेढ़ घंटे बाद लगभग आठ बजे मौके पर पहुंची। जबकि यह स्थान शहर से बमुश्किल चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर ही है।
जिस वक्त पुलिस की टीम पहुंची, वहां सब कुछ सामान्य हो चुका था। इसलिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व सीएएपी एसएस तोमर लौट आए।यदि पुलिस तत्काल पहुंच जाती तो शायद रेत से लदे कुछ ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़ा जा सकता था।
“वन विभाग की टीम ने रेत से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकडऩे का प्लान बनाया था। लेकिन उधर से पथराव शुरूहो गया तो हमारी टीम ने रेत कारोबारियों को खदेड़ दिया।”
एए अंसारी, वनमण्डलाधिकारी