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ग्वालियर

ग्वालियर-चंबल संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में ठंड से बेहाल मरीज

कड़ाके की सर्दी में जेएएच और कमलाराजा में मरीजों के लिए ठंड से बचने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जिसके कारण यहां भर्ती मरीज परेशान हैं।

ग्वालियरJan 14, 2019 / 12:30 am

राजेश श्रीवास्तव

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ग्वालियर-चंबल संभाग के सबसे बड़ा अस्पताल में ठंड से बेहाल मरीज

ग्वालियर. शहर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, रात का पारा 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है, लेकिन अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच और कमलाराजा में मरीजों के लिए ठंड से बचने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। यहां भर्ती मरीजों को स्वयं ही कंबल और गर्म कपड़े लाने पड़ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन की ओर से जो व्यवस्थाएं ठंड से बचने के लिए की जा रही हैं, वह नाकाफी साबित हो रही हैं, जिसके कारण यहां भर्ती मरीज परेशान हैं। खासकर दूसरे क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। पत्रिका ने नाइट एट के दौरान अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
कमलाराजा अस्पताल अंचल का सबसे बड़ा महिला एवं बाल रोग अस्पताल है, यहां सैकड़ों महिलाएं भर्ती होती हैं। मरीजों को अस्पताल में ठंड से बचने के लिए एक कंबल दिया जाता है, यह कंबल भी इतना पतला होता है कि उससे सर्दी नहीं बचती है। अस्पताल में भर्ती रामबाई ने बताया कि कंबल में सर्दी लगती है, इसलिए उन्होंने एक और कंबल मांगा, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया, तब उन्होंने घर से कंबल मंगाकर काम चलाया। अस्पताल में भर्ती मरीज सर्दी से परेशान हैं, दिन में तो काम चल जाता है, लेकिन रात में ठिठुरने को मजबूर हैं। सबसे अधिक दिक्कत उन लोगों को होती है जो दूसरे शहरों से यहां आए हैं। अस्पातल में मरीजों के बिस्तर पर घरों के कंबल एवं रजाई ही दिखाई देती हैं। ईएनटी वार्ड में लगभग 15 मरीज भर्ती थीं, सभी घर से कंबल एवं गर्म कपड़े लेकर आई थीं। कुछ यही हाल सर्जरी विभाग का था। यहां भी भर्ती महिला मरीजों पर रजाई और कंबल घर से
लाए हुए ही थे। एक दो लोग ही अस्पताल के कंबल ओढ़े हुए थे। यह शहर के बाहर से आए हुए मरीज थे इनके पास कंबल लाने की व्यवस्था नहीं थी।
अधिकारी देखकर भी बने रहते हैं अंजान

अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को बिस्तर, बेडशीट एवं सर्दियों में कंबल की व्यवस्था की जाती है, इसके पीछे स्वास्थ्य कारण भी होता है। दरअसल, अस्पताल में बेड पर जो बेडशीट बिछाई जाती है उसे प्रतिदिन बदलना होता है और इसकी धुलाई भी करानी होती है, जिससे भर्ती मरीजों में संक्रमण का खतरा न पैदा हो। इसी कारण मरीजों को सर्दियों में कंबल भी उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे मरीजों को किसी प्रकार का संक्रमण न फैले। घर से लाने वाले कपड़ों से संंक्रमण का खतरा बना रहता है, इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन यह नजरअंदाज करता है। ऐसा नहीं है कि विभागों के अध्यक्षों को इस बात का पता नहीं है, वह खुद राउंड पर आते हैं और इन मरीजों को घर से लाए हुए कपड़े ओढ़े देखते हैं, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं करते हैं।
सीधी बात
-अस्पताल में भर्ती मरीजों को सर्दी से बचाने के लिए क्या इंतजाम हैं?
मरीजों को अस्पताल की ओर से कंबल प्रदान किए जाते हैं।
-मरीजों को घर से कंबल और रजाई क्यों लानी पड़ती हैं?
अस्पताल द्वारा मरीजों को कंबल उपलब्ध कराए जाते हैं। कुछ मरीज घर से कंबल लेकर आते हैं। अगर किसी को पर्याप्त कंबल नहीं मिल रहे हैं तो वह मुझसे शिकायत कर सकते हैं, मैं मामले को दिखवाऊंगा।
-घरों से लाने वाले कपड़ों से संक्रमण का खतरा हो सकता है?
जो मरीज घर से कपड़े लाते हैं वह धुले हुए होते हैं। दरअसल कुछ मरीज अस्पताल के कंबल ओढऩा पसंद नहीं करते हैं।
– अस्पताल में कंबलों की धुलाई नहीं होती क्या?
नहीं ऐसा नहीं है, हमारे यहां लॉन्ड्री में कपड़ों की धुलाई की जाती है।
डॉ. अशोक मिश्रा, जेएएच अधीक्षक

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