– घरों में उपलब्ध पुराने बिना हॉलमार्क वाले आभूषण ज्वैलर्स को बेचे जा सकेेंगे। ज्वैलर्स को भी ग्राहक से बिना हॉलमार्क के पुराने सोने के आभूषणों को वापस खरीदने की छूट होगी।
– एक्सपोर्ट किए जाने वाले गहनों व कुंदन-पोलकी-जड़ाऊ गहनों की खरीद-फरोख्त।
– घडिय़ां व फाउंटेन पेन।
– शहर में सराफा कारोबारियों की संख्या 600
– अभी तक 137 कारोबारियों ने हॉलमार्किंग लाइसेंस लिया है।
– हर माह ज्वेलरी का करीब 40 करोड़ रुपए का कारोबार होता है।
– शहर में हॉलमार्किंग जांच सेंटरों की संख्या तीन है।
कई लोग घर में रखी पुरानी ज्वैलरी से लोन लेते हैं। ऐसे लोगों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि हॉलमार्किंग लागू होने के बाद भी वे पहले की तरह ही गोल्ड लोन ले सकेंगे।
सोना-चांदी व्यवसाय संघ लश्कर के अध्यक्ष पुरुषोत्तम जैन ने बताया कि सोने की ज्वैलरी पर भले ही हॉलमार्किंग का नियम लागू हो गया हो, लेकिन पुराना सोना बेचने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। इसके लिए कई ग्राहक पूछने के लिए आ रहे हैं। सराफा कारोबारी गौरव गोयल ने बताया कि अधिकांश ग्राहकों को इसकी जानकारी नहींं है, इसलिए उन्हें पुराने सोने को लेकर चिंता हो रही है और वे बाजार में पूछने के लिए पहुंच रहे हैं।