अब इसे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार अचानक यह प्रस्ताव इसलिए लाया गया ताकि पार्टी के एक खेमे द्वारा शिवपुरी-गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को इंदौर से चुनाव लड़ाने की मांग का काउंटर किया जा सके। इस बैठक में पार्टी के दिग्विजय खेमे से जुड़े नेताओं को नहीं बुलाया गया। उधर, भाजपा में भी इस बात पर मंथन शुरू हो गया है कि प्रियदर्शिनी के सामने कौन मजबूत प्रत्याशी हो सकता है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से दिग्विजय सिंह गुट के अशोक सिंह का नाम फाइनल होने की संभावना देख रविवार को सिंधिया गुट सक्रिय हुआ। रविवार को कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में तीन मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, लाखन सिंह व इमरती देवी, दो विधायक मुन्नालाल गोयल व प्रवीण पाठक और अन्य नेता उपस्थित थे। शहर जिला अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने प्रियदर्शिनी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ ने किया। प्रस्ताव मंत्रियों, विधायकों व पदाधिकारियों की सहमति के बाद पास कर दिया गया।
भाजपा में भी चलती रही मंत्रणा
कांग्रेस की ओर से प्रियदर्शिनी राजे का नाम आने पर भाजपा में भी मंथन शुरू हो गया है कि उनके सामने प्रत्याशी कौन हो सकता है। महापौर विवेक शेजवलकर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, भाजपा विधायक यशोधरा राजे सिंधिया, अनूप मिश्रा, मायासिंह जैसे कई नाम सामने आए हैं।
अशोक सिंह का भी नाम
कांग्रेस की ओर से जारी प्रेस नोट में मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह को भी बैठक में शामिल बताया गया है, जबकि अशोक सिंह ने बैठक में शामिल नहीं होने की बात कही।
इन्हें नहीं बुलाया
बैठक में दिग्विजय गुट के वासुदेव शर्मा, शिव बालक सिंह भदौरिया, बृजमोहन परिहार, केके समाधिया, वीरसिंह तोमर, राजेन्द्र सिंह नाती, गोपीलाल भारतीय जैसे नेताओं को सूचना तक नहीं दी गई। एक नेता ने कहा कि हम शहर जिला कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारी हैं फिर भी नहीं बुलाया।