शहर में हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत रहती है, इस पर प्रशासन द्वारा वाहन सेंटरों को बंद कर दिया जाता है। लेकिन वर्तमान में इन पर कोई रोक नहीं है और खुलेआम पानी की बर्बादी कर रहे हैं। साफ पीने वाला पानी को यह लोग नालियों में बहा देते हैं। शहर में भूजल स्तर की स्थिति पहले से ही खराब है इसके बावजूद शहर में ६० से अधिक धुलाई सेंटर संचालित हो रहे हैं। एक धुलाई सेंटर पर रोजाना १२ घंटे में १ लाख लीटर से भी अधिक की पानी की बर्बादी की जाती है। इनमें से अधिकांश जगहों पर मोटर से पानी खींचते हैं। पानी की खुलेआम हो रही बर्बादी के बावजूद निगम अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। जिसका फायदा वाहन धुलाई सेंटर संचालक उठाते हैं। खास बात है कि नगर निगम में इनका कोई लेखा जोखा नहीं है। कई जगहों पर तो घरेलू कनेक्शन के आधार पर ही यह सेंटर चल रहे हैं।
कलेक्टर ने की कार्रवाई सिटी सेंटर पर निरीक्षण के दौरान कलक्टर ने पानी की बर्बादी कर रहे कार वॉश सेंटर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस पर निगम ने १० हजार रुपए का जुर्माना लगाया और नल कनेक्शन भी काट दिया।
निगम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने को कहा है
पानी की बर्बादी अगर की जा रही है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी। निगम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने के लिए कहा है।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर