इधर, स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को जागरुक करने के लिए चलाए जा रहे वाहन भी दुर्दशा का शिकार होते जा रहे हैं। इन वाहनों के मेंटेनेंस की भी कोई सुध नहीं ली जा रही है। जिससे यह वाहन कबाड़ में तब्दील होते जा रहे है। महापौर निवास से ही कुछ ही दूरी पर स्टेडियम के पास कई दिनों से स्वच्छ सर्वेक्षण का रथ पड़ा हुआ है। जो कबाड़ में तब्दील होता जा रहा है। जिसकी आज दिनांक तक सुध नहीं ली जा रही है।
शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा लोगों से तो अपेक्षा की जा रही है, साथ ही लोगों को आग्रह भी किया जा रहा है कि वह अपने घरों के आस-पास सफाई व्यवस्था बनाए रखें। इसी के साथ ही लोगों को जागरुक किए जाने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण रथ भी चलाए जा रहे हैं। वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण का एक रथ कई दिनों से स्टेडियम के पास ही पड़ा हुआ है। जिसकी देख-रेख नहीं किए जाने के कारण वह पूरी तरह से बदहाल होकर कबाड़ में तब्दील होता जा रहा है।
इसी के साथ ही स्टेडियम के आसपास फायर ब्रिगेड ऑफिस और विद्युत प्रदाय का कार्यालय भी बना हुआ है। इन कार्यालयों के समीप भी सफाई व्यवस्था का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इन कार्यालयों के आस-पास हर समय गंदगी के ढेर लगे देखे जा सकते हैं। कार्यालयों के समीप कचरा तो पड़ा ही रहता है। इसके अलावा कार्यालय के समीप ही शराब की खाली बोतलें भी पड़ रहती हैं। इसके बावजूद भी नगर निगम प्रशासन द्वारा अपने ही घर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल उठते हैं। अहम बात तो यह है कि कार्यालय के समीप पड़े कचरे को देखने के बाद भी अधिकारियों द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है।