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यहां बता दें कि 23 फरवरी 2012 को ओछापुरा थाना क्षेत्र के जंगल में काशीराम रावत और कल्ला रावत निवासी कैमारा की हत्या कर दी गई। मृतक के परिजनों सहित रावत के समाज के लोगों ने हत्या किए जाने का आरोप पूर्व दस्यु रमेश सिकरवार और उसके साथियों पर लगाया। जिसके बाद ओछापुरा थाना पुलिस ने रमेश सिकरवार, धन सिंह और सिद्धार्थ के खिलाफ हत्या, बलवा और आम्र्सएक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्जकर चालान न्यायालय में पेश किया। अभिभाषक विजय सिंह राठौड़ ने बताया कि विचारण के दौरान न्यायालय को हत्या करने संबंधी कोई साक्ष्य नहीं मिले। इसलिए न्यायालय ने तीनों को बरी कर दिया।
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इसलिए चर्चित हुआ था ये मामला
यह मामला जिले सहित पूरे प्रदेश में इसलिए खासा चर्चित हुआ, क्योंकि मीणा समाज के वरिष्ठनेता किरोड़ी लाल मीणा सहित अन्य मीणा समाज के लोगों ने मृतक के समर्थन में उतर आए और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी न होने पर उनको पकडऩे के लिए खुद ही जंगल में उतरने की चेतावनी भी दे दी गई।
वाहन की टक्कर से हुई थी मलखान की मौत
श्योपुर-शिवपुरी हाईवे पर वावंदा और काली तलाई के बीच पिछले दिनों मृत मिले मलखान आदिवासी की मौत किसी वाहन की टक्कर से हुई है। इसकी पुष्टि देहात थाना पुलिस की जांच के दौरान हुई। जांच के बाद पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्जकर उसकी तलाश शुरू कर दी है। देहात थाना पुलिस ने बताया कि भूरवाड़ा निवासी मलखान आदिवासी की लाश 25-26 नवंबर की रात को वावंदा और काली तलाई के बीच हाईवे पर पड़ी मिली। प्रथम दृष्टया मामला एक्सीडेंट का लगा। मगर पीएम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई। इसलिए मर्गजांच पर भादंवि की धारा 304 ए का मामला दर्जकर लिया है।