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ग्वालियर

इस बार विदेशी पटाखों की नहीं दिखेगी बाजार में चमक, यह है वजह

दीपावली त्योहारों के मद्देनजर बाजार में सजी आतिशबाजी की दुकानों पर विदेशी आयातित पटाखों की खरीद फरोख्त नहीं हो सकेगी।

ग्वालियरOct 01, 2017 / 06:37 pm

monu sahu

visarjan

crackers purchase of foreign not be done

ग्वालियर। दीपावली त्योहारों के मद्देनजर बाजार में सजी आतिशबाजी की दुकानों पर विदेशी आयातित पटाखों की खरीद फरोख्त नहीं हो सकेगी। आगामी दिनों में फुटकर विके्रताओं के माध्यम से विदेशी पटाखों के विक्रय किए जाने की आशंका के मद्देनजर शासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। इस प्रतिबंध का पालन कराने के लिए भिण्ड कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी इलैया राजा टी द्वारा आदेश जारी किया गया है। विदेशी पटाखों के चोरी छिपे देश में लाए जाने और इनकी बिक्री होने की आशंका के चलते भारत सरकार के वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय एवं पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन उपमुख्य विस्फोटक नियंत्रण कार्यालय भोपाल द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
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शासन ने विदेशी पटाखों में संवेदनशील रासायनिक सामग्री का प्रयोग होने तथा इनके भारतीय ध्वनि परिसीमा मानकों के अंतर्गत न होने और बच्चों द्वारा प्रयोग किए जाने के आशंका की वजह से लगाया है। इस प्रकार के पटाखे भारत में चोरी छिपे आयातित किए जा रहे हैं। इनका विक्रय होने से लोक सुरक्षा को खतरा है तथा यह लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। बताया गया है इन पटाखों के आयात को विस्फोटक अधिनियम 2008 के अंतर्गत पीईएसओ ने कोई लाइसेंस जारी नहीं किया है।
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अनुज्ञप्तिधारी फैक्ट्री से कारोबार को अनुमति
पटाखों की बिक्री के लिए जिन दुकानों को पीईएसओ तथा जिला प्रशासन द्वारा फार्म एलई-5 मे लाइसेंस जारी किया गया है उन्हें केवल मान्य विस्फोटकों की सूची अनुसार ही अनुज्ञप्तिधारी फैक्ट्री या कंपनी से ही खरीद फरोख्त करने, संग्रहीत करने एवं विक्रय करने की अनुमति है।
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जिले में कई जगह बनते हैं पटाखे और है अवैध भंडारण जिले में कई जगह पटाखे बनते हैं और इनका अवैध भंडारण है। शहर में ही राधा कालोनी, गड्ढा मोहल्ला, पुरानी बस्ती, राजहोली के अलावा मौ, मेहगांव, गोहद आदि स्थानों पर पटाखे बनते हैं और इनका भंडारण किया जाता है। पिछले सालों में कुछ विस्फोटक घटनाएं हुई हैं इनमें कुछ लोग असमय काल का ग्रास भी बने हैं।
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पटाखों के बजाए खुशियां मनाने के हंै और कई तरीके
दीवाली के त्योहार पर विशेष रूप से पटाखों का प्रयोग होता है। पटाखे खुशी व्यक्त करने के लिए चलाए जाते हैं जबकि खुशियां मनाने के और भी कई तरीके हैं। पटाखों से न केवल वातावरण प्रदूषित होता है बल्कि दुर्घटनाएं घटित होती है इसलिए बेहतर यह हो सकता है पटाखों का प्रयोग किया जाए तो प्रतीकात्मक हो और पटाखों पर खर्च होने वाली राशि से साज सज्जा व दूसरों की मदद पर खर्चकर वास्तविक खुशी पाई जाए।

जिला दंडाधिकारी ने दिए सघन निरीक्षण के निर्देश
जिला दंडाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक के साथ ही जिले अनुविभागीय दंडाधिकारियों अधिकारियों को पत्र जारी कर दुकानों के सघन निरीक्षण करने और अनियमितता पाए जाने तथा चोरी-छिपे आयातित विदेशी पटाखों का भंडारण व विक्रय करते हुए पाए जाने पर विस्फोटक अधिनियम 2008 के नियम 127 व 128 के तहत दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
“जिले में विदेश पटाखों की जांच पड़ताल के साथ ही इनके निर्माण और भंडारण पर सतत निगरानी की जाएगी। इससे कोई दुर्घटना घटित न हो।”
राजेंद्र वर्मा, अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक

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