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ग्वालियर

उद्घाटन से पहले ही आ गईं दीवारों में दरार, निरीक्षण में देखकर दंग रहे, जानिए क्या है मामला

विवि प्रबंधन और पीआइयू के अधिकारी अब खामियों को छुपाकर जल्द इसका लोकार्पण कराना चाह रहे हैं, ताकि बाद में मरम्मत के नाम पर गलतियों से बचा जा सके।

ग्वालियरNov 06, 2019 / 01:30 am

Rahul rai

उद्घाटन से पहले ही आ गईं दीवारों में दरार, निरीक्षण में देखकर दंग रहे, जानिए क्या है मामला

उद्घाटन से पहले ही आ गईं दीवारों में दरार, निरीक्षण में देखकर दंग रहे, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में बन रहा मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स चार साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। अब इसकी लागत 14 करोड़ से बढकऱ 25 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। इसके बाद भी उद्घाटन से पहले ही इसकी दीवारों में दरारें दिखने लगी हैं और छत पर जलभराव से रिसने की संभावना बनी हुई है। विवि प्रबंधन और पीआइयू के अधिकारी अब खामियों को छुपाकर जल्द इसका लोकार्पण कराना चाह रहे हैं, ताकि बाद में मरम्मत के नाम पर गलतियों से बचा जा सके।
मंगलवार को कॉम्पलेक्स का निर्माण, गुणवत्ता व अन्य व्यवस्थाएं देखने के लिए कार्यपरिषद सदस्य वीरेन्द्र सिंह गुर्जर, मनेन्द्र सोलंकी और अनूप अग्रवाल ने पीआइयू अधिकारियों को साथ लेकर निरीक्षण किया। इस दौरान तमाम खामियां नजर आने के बाद भी ईसी मेंबर कुछ खास दिशा निर्देश नहीं दे सके। खास बात यह है कि जीवाजी विश्वविद्यालय ने पूर्व में जिन 21 बिंदुओं को लेकर पत्र दिया था, ईसी मेंबरों ने उन बिंदुओं पर सही तरीके से जांच करने की कोशिश नहीं की।
सूत्र बताते हैं कि यह सारी कवायद ठेकेदार का जल्द भुगतान कराने के लिए की जा रही है। अब ईसी मेंबर्स के भ्रमण के बाद सहमति रिपोर्ट बनाकर भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ईसी मेंबर्स ने एक बार भी पीआइयू से यह नहीं पूछा कि जब निर्माण बेहतर हुआ है तो कमियां छूटी कैसे और पांच साल तक संधारण की आवश्यकता क्यों पड़ेगी?
कमियां जो बनेंगी मुसीबत
-कुर्सियों के बीच बेहद कम जगह है, इसे लेकर आर्किटेक्ट ने ईसी मेंबर्स को बताया कि एक मीटर का मानक अंतराल रखा गया है।
-छत पर पानी भरने की समस्या सामने आई तो पीआइयू ने कहा मरम्मत करा देंगे।
-फायर सिस्टम का पंप उतनी क्षमता से कार्य नहीं कर सकता है, जितना बड़ा भवन है।
-कॉम्पलेक्स को एयर कंडीशनर रखने लगाए गए सिस्टम की गुणवत्ता भी खराब है।
-पीआइयू के परियोजना निदेशक ने ईसी मेंबर्स से कहा कि सारी कमियां 15 नवंबर तक दूर कर ली जाएंगी और पांच साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी भी ली जाएगी।
एक नजर में मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स
-2016 में 14 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण शुरू हुआ।-निर्माण की समय सीमा 18 महीने रखी गई थी।
-निर्माण एजेंसी पीआइयू और जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने ठेकेदार को ढील दी तो काम समय पर पूरा नहीं हुआ।
-लेटलतीफी से लागत 25 करोड़ रुपए से भी अधिक हो गई है।
-इसके निर्माण को लेकर पूर्व वित्त नियंत्रक और आरएडी ने आपत्तियां लगाई थीं, इसके बाद भी कुलपति और कुलसचिव ने भुगतान की अनुशंसा की।
यहां भी अनियमितता की आशंका
-जेयू द्वारा 4 करोड़ 83 लाख 89 हजार रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं वाले स्वीमिंग पूल का निर्माण कराया जा रहा है।
-गुणवत्ता पर ध्यान न देने से इसमें तमाम खामियां सामने आई हैं।
-स्वीमिंग पूल सलाहकार डॉ.बीके डवास की आपत्ति का निराकरण जेयू प्रशासन नहीं कर सका है।
-पूल पर 43.38 लाख रुपए और खर्च करने की तैयारी की जा रही है।
छात्र नेता ने किया था उद्घाटन
मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स के उद्घाटन में लगातार देर होने से आक्रोशित एनएसयूआइ के प्रदेश महासचिव सचिन द्विवेदी ने 21 अक्टूबर को इसका उद्घाटन कर दिया था। इसके खिलाफ विवि प्रबंधन ने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के जरिए विश्वविद्यालय थाने में एफआइआर कराने के लिए भेजा था। बाद में पुलिस को किसी ने बयान नहीं दिया।

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