-कुर्सियों के बीच बेहद कम जगह है, इसे लेकर आर्किटेक्ट ने ईसी मेंबर्स को बताया कि एक मीटर का मानक अंतराल रखा गया है।
-छत पर पानी भरने की समस्या सामने आई तो पीआइयू ने कहा मरम्मत करा देंगे।
-फायर सिस्टम का पंप उतनी क्षमता से कार्य नहीं कर सकता है, जितना बड़ा भवन है।
-कॉम्पलेक्स को एयर कंडीशनर रखने लगाए गए सिस्टम की गुणवत्ता भी खराब है।
-पीआइयू के परियोजना निदेशक ने ईसी मेंबर्स से कहा कि सारी कमियां 15 नवंबर तक दूर कर ली जाएंगी और पांच साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी भी ली जाएगी।
-2016 में 14 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण शुरू हुआ।-निर्माण की समय सीमा 18 महीने रखी गई थी।
-निर्माण एजेंसी पीआइयू और जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने ठेकेदार को ढील दी तो काम समय पर पूरा नहीं हुआ।
-लेटलतीफी से लागत 25 करोड़ रुपए से भी अधिक हो गई है।
-इसके निर्माण को लेकर पूर्व वित्त नियंत्रक और आरएडी ने आपत्तियां लगाई थीं, इसके बाद भी कुलपति और कुलसचिव ने भुगतान की अनुशंसा की।
-जेयू द्वारा 4 करोड़ 83 लाख 89 हजार रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं वाले स्वीमिंग पूल का निर्माण कराया जा रहा है।
-गुणवत्ता पर ध्यान न देने से इसमें तमाम खामियां सामने आई हैं।
-स्वीमिंग पूल सलाहकार डॉ.बीके डवास की आपत्ति का निराकरण जेयू प्रशासन नहीं कर सका है।
-पूल पर 43.38 लाख रुपए और खर्च करने की तैयारी की जा रही है।
मल्टी आर्ट कॉम्पलेक्स के उद्घाटन में लगातार देर होने से आक्रोशित एनएसयूआइ के प्रदेश महासचिव सचिन द्विवेदी ने 21 अक्टूबर को इसका उद्घाटन कर दिया था। इसके खिलाफ विवि प्रबंधन ने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के जरिए विश्वविद्यालय थाने में एफआइआर कराने के लिए भेजा था। बाद में पुलिस को किसी ने बयान नहीं दिया।