बेटी बचाओं तिराहा: यह तिराहा भी बहुत खतरनाक है। यहां रोटरी ने काफी जगह घेर रखी है। सिंधी कालोनी की तरफ से आने वाले वाहन को गुढ़ा की तरफ जाना है तो इस तिराहे पर आकर उसे गुढ़ा की तरफ से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते। इस कारण आए दिन हादसे होते है। रोटरी इतनी ज्यादा बड़ी है कि दूसरी तरफ के वाहन नजर नहीं आते। यहीं नहीं वहां स्पीड ब्रेकर भी नहीं बनाए। ताकि स्पीड कम हो जाए। रफ्तार में वाहन निकलते है तो आपस में टकरा जाते है।
योगा चौराहा: आकाशवाणी रोड पर मेला के पास बना योगा चोराहा यहां भी कोई सिग्नल नहीं है। चूंकि इस समय मेला चल रहा है। भीड़ भी काफी है। सिग्नल न होने से आए दिन वाहन टकरा रहे है। सोमवार को भी एक जीप की टक्कर से बाइक सवार युवक घायल हुआ था।
योगा चौराहा: आकाशवाणी रोड पर मेला के पास बना योगा चोराहा यहां भी कोई सिग्नल नहीं है। चूंकि इस समय मेला चल रहा है। भीड़ भी काफी है। सिग्नल न होने से आए दिन वाहन टकरा रहे है। सोमवार को भी एक जीप की टक्कर से बाइक सवार युवक घायल हुआ था।
आधे से ज्यादा पोइंट पर नहीं है यातायात कर्मी
शहर में करीब ७५ पोंइंट है। जिनमें कुछ चौराहा और कुछ तिराहा शामिल है। कुछ प्वॉइंट पर यातायात कर्मी तैनात है। लेकिन आधे से ज्यादा पोइंट पर पुलिस ही नहंी ंहोती। वाहन चालक अपने मनमर्जी से वाहन निकालकर लेे जाते है। यहीं नहीं दुपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठकर निकल जाते है।
शहर में करीब ७५ पोंइंट है। जिनमें कुछ चौराहा और कुछ तिराहा शामिल है। कुछ प्वॉइंट पर यातायात कर्मी तैनात है। लेकिन आधे से ज्यादा पोइंट पर पुलिस ही नहंी ंहोती। वाहन चालक अपने मनमर्जी से वाहन निकालकर लेे जाते है। यहीं नहीं दुपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठकर निकल जाते है।
यह है ट्रैफिक के पास मौजूदा बल
वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस के पास १८९ का बल है। जिसमें सिपाही से लेकर निरीक्षक शामिल है। जबकि स्वीकृत बल को देखे तो ३४२ है। जो कि मौजूदा बल की अपेक्षा १५३ की कमी है। कई सालों से यह बल की कमी है। यही कारण है कि सभी पोइंट पर बल न होने पर पुलिस अधिकारी इसी बल का हवाला देते है
वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस के पास १८९ का बल है। जिसमें सिपाही से लेकर निरीक्षक शामिल है। जबकि स्वीकृत बल को देखे तो ३४२ है। जो कि मौजूदा बल की अपेक्षा १५३ की कमी है। कई सालों से यह बल की कमी है। यही कारण है कि सभी पोइंट पर बल न होने पर पुलिस अधिकारी इसी बल का हवाला देते है