पुलिस ने बताया, आरोपी गोलू और विकास सोनी विसी लुहारपुरा पुरानी शिवपुरी को गिरफ्तार कर जब पूछताछ की तो उसने बताया, मृतका को नशे का इंजेक्शन दिया, जिससे शिवानी की मौत हो गई। लाश को ठिकाने लगाने के लिए ऑटो में ले जा रहे थे, इस दौरान पुलिस की गाड़ी का सायरन सुनकर उसे कृष्णपुरम कॉलोनी में एक घर के चबूतरे पर फेंक कर भाग गए। चिक्की पाठक से शिवानी का प्रेम प्रसंग होने के अलावा उसके साथ मंदिर में विवाह किए जाने की भी चर्चा है।
आरक्षक का नाम आ रह है जांच करवा रहे हैं
एडीशनल एसपी से पूछा,शिवानी के परिजनों के कथन में देहात थाने में पदस्थ आरक्षक विजय रावत का नाम भी लिया, फिर उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया। एएसपी ने कहा, जिस आरक्षक का नाम आ रहा है, उसकी अलग से जांच की जा रही हैं, यदि उसकी संलिप्तता पाई गई तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा। इससे पूर्व भी कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब ऐसे किसी भी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा।
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स्मैक बिकने की सूचना पर पुरानी शिवपुरी में मारा छापा
स्मैश के नशे से युवती की मौत के बाद पुलिस ने शनिवार रात को इमामबाड़ा क्षेत्र में छापामार कार्रवाई की। सूचना मिली थी पुरानी शिवपुरी इमामबाड़ा क्षेत्र में स्मैक की बिक्री हो रही है। पुलिस ने मौके से एक कार जब्त की, लेकिन लोग भागने में सफल रहे।
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एडी टीम के सदस्य व सायबर सेल प्रभारी प्रवीण त्रिवेदी के मुताबिक, कार में तबीब नाम के शख्स का मोबाइल व पर्स मिला है। मामले की जांच की जा रही है। त्रिवेदी ने बताया, कार में तबीब व अलताफ सवार थे, जो मौका देखकर भाग गए। अलताफ को पूर्व में भी एनडीपीसी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। तबीब एक कांगे्रस नेता का नजदीकी बताया जाता है।
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एक कहानी ये भी..
पत्रकारवार्ता से पहले ऑटो चालक गोलू व साथी विकास ने मीडिया को बताया,शुक्रवार शाम पांच बजे शिवानी हमारे पास आई थी। फिर हम तीनों दो बत्ती पर पहुंचे और भूरा से स्मैक मंगवाई। एक हजार रुपए की स्मैक लेने के बाद ऑटो से फतेहपुर क्षेत्र में पहुंचे। नशे का इंजेक्शन लेने के बाद शिवानी ने उसमें स्मैक मिलाकर नशा कर लिया। शाम से लेकर रात तक नशा करने के साथ ही ऑटो में तीनों लोगों ने घूमते रहे।
रात को अचानक शिवानी की हालत बिगडऩे लगी और उसके मुंह से झाग आने लगे तो हम डर गए और उसे पानी व नींबू पानी भी पिलवाया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। गोलू व विकास, शिवानी को जब बेहोशी आने लगी तो उसे अस्पताल ले जाने की बजाए एक घर के बाहर लिटाकर भाग गए। जब उसे ऑटो से उतारकर वहां लिटाया तब उसकी सांस चल रही थी।