गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल से शिवपुरी शहर में स्मैक की खपत इस कदर बढ़ी है कि गुना व राजस्थान क्षेत्र से बड़ी मात्रा में यह नशा शिवपुरी पहुंचने लगा। जो युवा एक बार इसका आदी हो गया तो फिर उसके लिए इससे दूर जाना मुश्किल हो जाता है। नशे की मांग अभी तक कॉलेज स्टूडेंट्स की रहती थी, लेकिन अब यह स्कूलों के आसपास भी पहुंचने लगा है।
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पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों को स्मैक के साथ पकड़ा है। बताया जाता है कि जो एक बार ड्रग लेता है तो फिर वो इसका इतना आदी हो जाता है कि उसे पाने के लिए वो न केवल अपने घर में ही चोरी करता है, बल्कि ड्रग सप्लाई में भी शामिल हो जाता है। पुलिस की नजर में अभी तक पुरुष कारोबारी ही नजर में आए, लेकिन अब यह खुलासा भी हो गया कि शहर की युवतियां व महिलाएं भी ड्रग एडिक्ट होने के साथ-साथ उसकी सप्लाई भी कर रही हैं।
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महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रैकेट में कहीं न कहीं पुलिस के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं, जिसके चलते यह धंधा बेरोकटोक फल-फूल रहा है। देहात थाने में पदस्थ आरक्षक विजय रावत का नाम भी कईबार इस कारोबार से जुड़े लोगों के साथ होने की शिकायतें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचीं। पुलिस ने हर बार अभियान चलाकर सिर्फ नशा करने वालों को पकडकऱ उनसे बहुत कम मात्रा में स्मैक जब्त की, जबकि नशा लाने वाले रैकेट पर कभी हाथ नहीं डाला। गौरतलब है कि शिवपुरी शहर में इन दिनों एविल के इंजेक्शन को नशे के रूप में लिया जा रहा है। यह इंजेक्शन 10 एमएल का 11 रुपए में बिकता है, जिसे केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही दिया जा सकता है। लेकिन यह इंजेक्शन कई मेडिकल स्टोरों पर 50 रुपए में बिना किसी पर्चे के नशेडिय़ों को बेचा जा रहा है।