इसलिए डेंगू डेंजर जोन में रहने वाले अब राहत में हैं। मलेरिया विभाग का कहना है पिछले चार दिन से जीआरएमसी के माइक्रोबॉयलॉजी विभाग से डेंगू पीडि़तों की रिपोर्ट नहीं आई है इससे जाहिर है कि डेंगू का असर खत्म होता जा रहा है। हालांकि पड़ोसी जिलों से डेंगू के कुछ केस अब भी सामने आ रहे हैं। डेंगू दोबारा सिर नहीं उठाए इसलिए मलेरिया विभाग दावा कर रहा है कि शहर में जिन इलाकों को डेंजर जोन चिंहित किया गया था वहां लगातार नजर रखी जा रही है और अब लोगों को डेंगू से बचने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
अभी तक शहर के महाराजपुरा, गोला का मंदिर, मुरार, थाटीपुर सहित बहोड़ापुर के कुछ हिस्से डेंजर जोन चिंहित हुए थे। मौसम ने करवट ली है तो यहां अब डेंगू का लार्वा और मच्छरों की पैदावार कम हो गई है। अब सिर्फ एतिहात के तौर पर निगरानी और लोगों को सावधानी की समझाइश दी जा रही है।
अभी तक शहर के महाराजपुरा, गोला का मंदिर, मुरार, थाटीपुर सहित बहोड़ापुर के कुछ हिस्से डेंजर जोन चिंहित हुए थे। मौसम ने करवट ली है तो यहां अब डेंगू का लार्वा और मच्छरों की पैदावार कम हो गई है। अब सिर्फ एतिहात के तौर पर निगरानी और लोगों को सावधानी की समझाइश दी जा रही है।
मलेरिया अधिकारी मनोज पाटीदार का कहना है कि इस बार डेंगू का असर बच्चों पर ज्यादा रहा है। आकंडों के मुताबिक कुल मरीजों में ६० प्रतिशत बच्चे रहे हैं। इसलिए डेंगू को लेकर लोग ज्यादा खौफजदा रहे हैं। बच्चों को डेंगू के मच्छर से बचाने के लिए उनके परिजन के अलावा शहर के करीब १७४ स्कूलों में सुरक्षा के तरीके बताए भी बताए हैं। लेकिन इसके बावजूद डेंगू पीडि़तों में बच्चों की संख्या बढ़ता चिंताजनक रही है।